पितृदोष का खतरा! घर में गलत जगह रखी पितरों की तस्वीर, जानें क्या है सही दिशा और उपाय! Aajtak24 News

पितृदोष का खतरा! घर में गलत जगह रखी पितरों की तस्वीर, जानें क्या है सही दिशा और उपाय! Aajtak24 News

नई दिल्ली - हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में पितरों, यानी पूर्वजों का विशेष स्थान है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर पृथ्वी लोक में आकर अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कई लोग अपने पूर्वजों की तस्वीरें घर में लगाते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार इन तस्वीरों को रखने के कुछ खास नियम और दिशाएँ होती हैं। अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो अशुभ परिणाम मिल सकते हैं और घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।

पितरों की तस्वीर लगाने के नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पितरों की तस्वीरें लगाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • दिशा: पितरों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा की दीवार पर लगानी चाहिए। यह दिशा पूर्वजों से संबंधित मानी जाती है और इस दिशा में तस्वीर लगाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  • जीवित व्यक्ति के साथ नहीं: पूर्वजों की तस्वीर को कभी भी किसी जीवित व्यक्ति की फोटो के साथ नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में अशांति फैल सकती है।

  • सही स्थान: पितरों की तस्वीर को बेडरूम, किचन या मंदिर में नहीं रखना चाहिए। मंदिर में देवी-देवताओं के साथ पितरों की तस्वीर रखना भी अशुभ माना जाता है। इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।

  • दीवार पर न लटकाएं: वास्तु के अनुसार, पितरों की तस्वीर को दीवार पर लटकाने के बजाय किसी स्टैंड या टेबल पर रखना चाहिए। माना जाता है कि दीवार पर लटकाने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • मुख्य द्वार पर नहीं: घर के मुख्य द्वार पर पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि बाहरी लोगों की नजर पड़ने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।

  • साफ-सफाई: जिस स्थान पर पितरों की तस्वीर लगाई जाए, वहाँ हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। एक से अधिक पितरों की तस्वीर लगाने से भी बचना चाहिए। साफ-सफाई रखने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

पितृ दोष और उसके उपाय

पितृदोष एक ऐसी समस्या है जो दिखाई नहीं देती, लेकिन इसका असर घर की तरक्की पर पड़ता है। पितृदोष के कारण घर में लड़ाई-झगड़े, बीमारियाँ और संतान संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। पितृ दोष से बचने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं:

  • तर्पण और दान: हर अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण करें और उनके नाम से दान करें।

  • श्राद्ध: पितृ पक्ष में अपने सभी पितरों का उनकी तिथि के दिन श्राद्ध करें। यदि कोई श्राद्ध नहीं करता, तो पितर निराश होकर वापस लौट जाते हैं।

  • गाय, कौवा और कुत्ते को भोजन: प्रतिदिन गाय, कौवा और कुत्ते को रोटी देनी चाहिए।

  • सूर्य को जल अर्पित करें: पितृ दोष को शांत करने के लिए प्रतिदिन सूर्य को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और रोली मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए।

  • दीपक जलाएं: अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे एक उड़द दाल के तेल का दीपक जलाएं। पितृ पक्ष में हर रात रसोई में पानी के पास एक तेल का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।

यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होगा।

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