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- तीर्थ गोपिकॉन लिमिटेड के MD महेश कुंभानी और सहयोगी गौरव धाकड़ गिरफ्तार |
जांच और गिरफ्तारियां
सीबीआई ने 19 और 20 जून को दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश में 23 स्थानों पर छापेमारी कर इस जांच को और तेज किया। इससे पहले एक वरिष्ठ पीएनबी प्रबंधक और कोलकाता के एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई में इंदौर निवासी कुम्भानी और धाकड़ को कोलकाता में हिरासत में लिया गया और ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया गया। छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन के सबूत एक सुनियोजित नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं, जो ठेका प्रक्रिया की खामियों का फायदा उठा रहा था। सीबीआई ने आरोपियों से गहन पूछताछ और अन्य संभावित साठगांठ का पता लगाने के लिए हिरासत की मांग की है।
पहले भी की ऐसी धोखाधड़ी
तीर्थ गोपिकॉन पहले भी इस तरह के कदाचार के आरोपों का सामना कर चुकी है। उज्जैन नगर निगम ने 2023 में अमृत योजना के तहत 29 करोड़ की जल पाइपलाइन परियोजना के लिए फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के लिए कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उस मामले में निदेशक चंद्रिका कुम्भानी और पल्लव कुम्भानी का भी नाम था, जो धोखाधड़ी के बार-बार दोहराए जाने के पैटर्न को दर्शाता है। यह मामला मध्य प्रदेश की जल जीवन मिशन और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं की व्यापक जांच का हिस्सा है, जहां अन्य ठेकों में 128 करोड़ की फर्जी गारंटी का पता चला है। राज्य सरकार ने ऐसी धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सीबीआई को पूरे राज्य में जांच का अधिकार दिया है। इस धोखाधड़ी ने वित्तीय नुकसान ही नहीं पहुंचाया, बल्कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों और समुदायों के लिए महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं में देरी भी की। एमपीजेएनएल ने तीर्थ गोपिकॉन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अग्रिम राशि की वसूली के लिए कदम उठा रहा है। सीबीआई की जांच का लक्ष्य इस फर्जी बैंक गारंटी रैकेट को पूरी तरह से खत्म करना है, और जांच गहराने के साथ और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। यह हाई-प्रोफाइल मामला सरकारी खरीद प्रक्रिया में मजबूत डिजिटल सत्यापन तंत्र और सख्त निगरानी की तत्काल जरूरत को रेखांकित करता है। सीबीआई की इस कार्रवाई ने मध्य प्रदेश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।