मुख्यमंत्री के मऊगंज दौरे पर कांग्रेस का विरोध, पूर्व विधायक बन्ना सहित सैकड़ों हिरासत में Aajtak24 News

मुख्यमंत्री के मऊगंज दौरे पर कांग्रेस का विरोध, पूर्व विधायक बन्ना सहित सैकड़ों हिरासत में Aajtak24 News

मऊगंज - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रविवार को मऊगंज जिले में प्रस्तावित दौरे के दौरान कांग्रेस ने ज़ोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। बहुती जलप्रपात और देवतालाब में आयोजित कार्यक्रमों के मद्देनज़र, पूर्व कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री का घेराव करने पर अड़े रहे, जिसके चलते पुलिस को उन्हें और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना पड़ा।

हज़ारों कार्यकर्ताओं के साथ घेराव की कोशिश

दोपहर में, पूर्व विधायक बन्ना ने सैकड़ों वाहनों के काफिले और हज़ारों कार्यकर्ताओं के साथ मऊगंज बायपास से बहुती की ओर कूच किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के कई प्रयास किए, लेकिन भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। काफी समझाने-बुझाने के बाद, पूर्व विधायक ने प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए गिरफ्तारी देने पर सहमति जताई।

किसानों, युवाओं और लोकतंत्र के मुद्दे पर कांग्रेस का विरोध

प्रदर्शन स्थल पर पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद्मेश गौतम, जिला अध्यक्ष हरीलाल कोल, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष आशुतोष तिवारी, विश्वनाथ मिश्रा, रामबहादुर तिवारी और नृपेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। इस दौरान, पूर्व विधायक बन्ना ने प्रदेश सरकार पर किसानों और युवाओं के साथ अन्याय करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "खाद मांगने वाले किसानों पर लाठियाँ बरसाई जा रही हैं, और रोज़गार की मांग करने वाले युवाओं को पीटा जा रहा है। सड़कों पर आवारा पशु दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं और किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। यहाँ दो तरह के आवारा पशु हैं - एक जो खेतों को बर्बाद कर रहे हैं और दूसरे जो ज़मीनों पर कब्ज़ा कर रहे हैं। बन्ना ने मुख्यमंत्री पर भी तीखे हमले करते हुए कहा, "प्रदेश में शराब ठेकेदार मुख्यमंत्री बने बैठे हैं और जनता पर जबरन अपराध मढ़े जा रहे हैं। किसान, नौजवान, पत्रकार और गरीब सभी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम यह संघर्ष कर रहे हैं।"

पुलिस ने की कार्रवाई, नेताओं को हिरासत में लेकर रिहा किया

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर पाँच से छह सौ लोग मौजूद थे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, पूर्व विधायक और अन्य प्रमुख नेताओं को मौके पर ही हिरासत में लिया गया, जिसे उन्होंने 'औपचारिक गिरफ्तारी' बताया। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पत्रकारों पर दर्ज एफआईआर चिकित्सा विभाग के एक चिकित्सक की लिखित शिकायत पर आधारित है, और इस मामले की जांच संबंधित अधिकारी द्वारा की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।




Post a Comment

Previous Post Next Post