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| छत्तीसगढ़ ने चिकित्सा विज्ञान में रचा इतिहास: एसीआई में देश का छठा और सरकारी संस्थान का पहला 'बैकमैन पेसिंग' सफल! Aajtak24 News |
रायपुर - छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर जटिल हृदय उपचारों के क्षेत्र में देश में अपनी उत्कृष्टता साबित की है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी संस्थान, पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (ACI) के डॉक्टरों ने एक 68 वर्षीय महिला मरीज पर देश का छठा और किसी भी सरकारी संस्थान का पहला 'बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग' सफलतापूर्वक किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को छत्तीसगढ़ की चिकित्सा सेवाओं की निरंतर प्रगति का प्रमाण बताते हुए कहा कि प्रदेश अब जटिल हृदय उपचारों में देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
'राइट एट्रियम' में लीड लगाने का पहला सरकारी केस
यह जटिल प्रक्रिया इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि इसमें हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए पेसमेकर की लीड राइट एट्रियम (बैकमैन बंडल) में लगाई गई। डॉक्टरों के अनुसार, एसीआई और अन्य सरकारी संस्थानों में अब तक लेफ्ट या हिज़ बंडल पेसिंग के कई केस हुए हैं, लेकिन बैकमैन बंडल में लीड लगाने का यह पहला मामला है। बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग का अर्थ है हृदय की धड़कन को पूरी तरह से प्राकृतिक विद्युत मार्ग (conduction system) के जरिए नियंत्रित करना। यह सुनिश्चित करता है कि हृदय के दोनों चैम्बर्स की धड़कनें स्वाभाविक ढंग से संचालित हों, जिससे मरीज को लंबे समय तक स्थिर और सुरक्षित हृदय गति मिलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जटिलता अब तक एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे शीर्ष संस्थानों में भी नहीं की गई थी।
'सिक साइनस सिंड्रोम' से पीड़ित थी मरीज
एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि रायपुर निवासी मरीज 'सिक साइनस सिंड्रोम' नामक गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थी।
इस रोग में हृदय को धड़कन देने वाली कोशिकाएँ (पेसमेकर कोशिकाएँ) क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
मरीज का हृदय कमजोर था और एट्रियल रिद्म भी अनियमित थी।
सामान्य पेसिंग करने पर हार्ट फेल्योर और तेज धड़कन का खतरा था।
इसी कारण टीम ने जोखिम को कम करने के लिए बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग का साहसिक निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में पहले लेफ्ट बंडल की मैपिंग की गई, फिर उसी तरह राइट एट्रियम के बैकमैन बंडल की मैपिंग कर लीड इंप्लांट की गई, जिससे पूरा पेसिंग सिस्टम प्राकृतिक ढंग से काम करने लगा।
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने डॉक्टरों की टीम को साधुवाद देते हुए कहा: "यह सफल उपचार छत्तीसगढ़ की चिकित्सा सेवाओं के उच्च स्तर का प्रमाण है। हमारा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल अब विश्वस्तरीय जटिल प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। यह उपलब्धि न केवल मरीजों के जीवन को नई आशा देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारी संस्थान चिकित्सा विज्ञान में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा: "यह जटिल उपचार प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती और चिकित्सकों की उत्कृष्ट क्षमता का परिचायक है। अब छत्तीसगढ़ के मरीजों को अत्याधुनिक कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए महानगरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। प्रदेश का स्वास्थ्य ढांचा आधुनिकता और विश्वास का प्रतीक बन रहा है। उल्लेखनीय है कि इस जटिल उपचार को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया। एसीआई की उपचार करने वाली टीम में डॉ. स्मित श्रीवास्तव, डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. अनुराग कुजूर और डॉ. वेद प्रकाश शामिल थे। एसीआई वर्ष 2022-23 में भी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के सर्वाधिक मामलों में देश में पाँचवें स्थान पर रहा था।
