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| फर्जी रॉयल्टी सर्टिफिकेट से सरकार को 2 करोड़ का चूना, EOW ने सतना के इंजीनियर और ठेकेदार पर दर्ज किया केस Aajtak24 News |
रीवा/ मध्य प्रदेश - लोक निर्माण विभाग (PWD), सतना में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकार को 2 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुँचाने के आरोप में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी और ठेकेदार मे. एस.आर. कंस्ट्रक्शन, दिल्ली के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह धोखाधड़ी सीआरएफ (सेंट्रल रोड फंड) योजना के तहत हुए सड़क निर्माण कार्य के भुगतान में की गई थी।
क्या है पूरा मामला?
साल 2017 से 2022 के बीच सतना जिले में कई सड़कों का निर्माण हो रहा था। इस दौरान, मे. एस.आर. कंस्ट्रक्शन ने सड़क निर्माण कार्य का अंतिम भुगतान पाने के लिए लोक निर्माण विभाग, सतना को एक फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र सौंपा। यह प्रमाण पत्र रीवा के कलेक्टर कार्यालय की खनिज शाखा से जारी हुआ बताया गया था। विभाग ने ठेकेदार के पिछले भुगतान से 2,59,66,580 रुपये की राशि रोक रखी थी। ठेकेदार ने इस रुकी हुई राशि को पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र दिया।
अधिकारियों की मिलीभगत से भुगतान
तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी ने लगभग 8-9 महीने बाद इस फर्जी पत्र को स्वीकार कर लिया। उन्होंने विभाग के लेखाधिकारी की आपत्ति को भी नजरअंदाज कर दिया और ठेकेदार को रोकी हुई राशि के भुगतान की मंजूरी दे दी। जांच में पता चला कि जिस पत्र के आधार पर यह भुगतान किया गया था, वह कलेक्टर कार्यालय, रीवा से कभी जारी ही नहीं हुआ था। एडवोकेट बी.के. माला की शिकायत पर ईओडब्ल्यू रीवा ने इस मामले की जांच की और पाया कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी थी।
आपराधिक धाराएँ और जांच
ईओडब्ल्यू रीवा ने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी, ठेकेदार मे. एस.आर. कंस्ट्रक्शन और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। यह घटना दर्शाती है कि सरकारी परियोजनाओं में किस तरह फर्जीवाड़े कर राजकोष को नुकसान पहुँचाया जा रहा है।
