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दिल्ली में कांग्रेस सांसद की चेन छीनी, चाणक्यपुरी में भी नहीं सुरक्षित नेता, सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल saval Aajtak24 News |
नई दिल्ली - देश की राजधानी दिल्ली में अब नेता और वीवीआईपी भी सुरक्षित नहीं हैं। आज सुबह, कांग्रेस सांसद सुधा रामकृष्णन को उस वक्त एक चौंकाने वाली वारदात का सामना करना पड़ा, जब मॉर्निंग वॉक के दौरान चाणक्यपुरी जैसे हाई-सिक्योरिटी इलाके में उनकी सोने की चेन छीन ली गई। इस घटना ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना सोमवार सुबह करीब 6 बजकर 15 मिनट पर हुई। सांसद सुधा रामकृष्णन, जो तमिलनाडु के मयिलादुथुराई से हैं, अपनी साथी सांसद, डीएमके की रजती के साथ चाणक्यपुरी स्थित पोलिश दूतावास के पास टहल रही थीं। तभी एक स्कूटर पर सवार एक बदमाश, जिसने हेलमेट पहनकर अपना चेहरा छिपा रखा था, उनके पास आया। बदमाश ने विपरीत दिशा से आकर अचानक हमला किया और उनकी सोने की चेन छीनकर फरार हो गया।
इस हमले में सांसद की गर्दन पर चोट आई और उनके कपड़े भी फट गए। इस घटना से वह काफी सदमे में हैं। सांसद सुधा रामकृष्णन तमिलनाडु भवन में रहती हैं। इस वारदात के बाद उन्होंने तुरंत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पत्र में पूरी घटना का ब्यौरा देते हुए दिल्ली में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की तलाश के लिए कई पुलिस टीमें गठित की गई हैं। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और चश्मदीदों से भी पूछताछ कर रही है ताकि बदमाशों का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके।
यह घटना इसलिए भी अधिक चिंताजनक है क्योंकि चाणक्यपुरी इलाका दिल्ली के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में से एक है। यहां कई देशों के दूतावास और महत्वपूर्ण सरकारी भवन मौजूद हैं। ऐसे इलाके में भी इस तरह की घटना का होना यह दर्शाता है कि अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं रह गया है। इस घटना के बाद पुलिस ने तमिलनाडु भवन और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि, इस तरह की वारदात ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दिल्ली में आम जनता, खासकर महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षा की स्थिति अभी भी बहुत कमजोर है। यह घटना दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।