सैकड़ों सीटों पर 'जादू' से वोट चोरी का दावा
राहुल गांधी ने अपने आठ मिनट के इस वीडियो में दावा किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में 100 से अधिक सीटों पर वोट चोरी की गई थी। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव निष्पक्ष होते, तो शायद आज केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं होती। एक राजनीतिक परिवार से आने और पिछले 20 सालों से खुद चुनाव लड़ने का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें पता है कि चुनाव कैसे लड़े जाते हैं, बूथ कैसे मैनेज होते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, वोट चोरी कैसे होती है। उन्होंने महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का उदाहरण दिया, जहां 'जादू के जरिए' नए वोटर्स पैदा किए गए।
पांच तरह की 'वोट चोरी' का खुलासा
राहुल गांधी ने अपनी जांच के आधार पर पांच प्रकार की 'वोट चोरी' का खुलासा किया है:
डुप्लिकेट वोटर: एक ही व्यक्ति का नाम कई बार वोटर लिस्ट में दर्ज कर दिया गया।
गलत पता: मतदाताओं के पते गलत दर्ज किए गए, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया।
एक ही घर में ढेर सारे मतदाता: उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि एक ही घर में बड़ी संख्या में मतदाता कैसे हो सकते हैं, जो कि स्वाभाविक रूप से असंभव है।
गलत या छोटे फोटो: वोटर लिस्ट में ऐसे छोटे या गलत फोटो लगाए गए, जिनसे मतदाता की पहचान नहीं हो सकती।
फॉर्म 6 का दुरुपयोग: यह फॉर्म उन युवाओं के लिए होता है जो पहली बार मतदाता बन रहे हैं, लेकिन राहुल ने दावा किया कि 90 साल के लोगों ने भी इसका इस्तेमाल कर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाया है।
बिहार चुनाव पर भी निशाना
राहुल गांधी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए चल रहे 'मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)' को भी 'संस्थागत चोरी' बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर मतदाता सूचियों में फेरबदल कर भाजपा की मदद करना चाहता है। उनके इस आरोप ने बिहार की राजनीति में भी गरमाहट ला दी है, जहां अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने हैं।
चुनाव आयोग से 'जुबानी जंग' और 'मेरे शब्द ही शपथ हैं'
राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने उनसे शपथ पत्र के जरिए सबूत साझा करने को कहा था। इस पर राहुल गांधी ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, "मेरे शब्द ही शपथ हैं।" उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है, वह सार्वजनिक तौर पर कहा है और उन्होंने चुनाव आयोग के ही आंकड़ों का हवाला दिया है। राहुल ने चुनाव आयोग से खुद ही इन आंकड़ों की जांच करने की मांग की है।
राहुल गांधी के इन आरोपों को विपक्षी दल एक हथियार के तौर पर देख रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष इन आरोपों को खारिज कर रहा है। 'वोट चोरी' के इन आरोपों ने न केवल चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर भी बहस छेड़ दी है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर देशद्रोह का आरोप लगाकर इस लड़ाई को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। उनके इस वीडियो ने आने वाले दिनों में देश की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बनने का संकेत दिया है।