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GSI का बड़ा खुलासा: सिहोरा की धरती में छिपे हैं सोने के कण, लेकिन क्या खनन से सचमुच बदलेगी गांव की तकदीर? Aajtak24 News |
जबलपुर - जबलपुर जिले के सिहोरा तहसील स्थित बेला और बिनैका गांव के बीच की जमीन में सोने के कण मिलने की पुष्टि होने से इलाके में उत्साह का माहौल है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के विशेषज्ञों ने यहां की मिट्टी के नमूनों में सोने से संबंधित धातु और कण पाए हैं, जिससे यह उम्मीद जगी है कि इस क्षेत्र में भविष्य में सोने का बड़ा भंडार हो सकता है।
सोने की दस्तक से गांव में छाई खुशी
बेला और बिनैका गांवों में पिछले कुछ समय से GSI की टीम खुदाई और मिट्टी के नमूनों की जांच कर रही थी। इस जांच के शुरुआती नतीजों ने इलाके के लोगों में एक नई उम्मीद जगाई है। गांव के सरपंच रामराज पटेल ने बताया कि जैसे ही यह खबर फैली कि उनकी जमीन में सोने के कण मिले हैं, गांव में खुशी का माहौल बन गया। लोग यह सपना देखने लगे हैं कि अगर यहां खनन शुरू हुआ तो रोजगार, बेहतर सड़कें और अन्य सुविधाएं खुद-ब-खुद गांव तक पहुंच जाएंगी। यह खबर खासकर युवाओं में नया जोश भर रही है, जिन्हें उम्मीद है कि उन्हें काम की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
GSI ने की पुष्टि, लेकिन सावधानी के साथ
GSI के डायरेक्टर जनरल असित साहा ने खुद इस बात की पुष्टि की है। जबलपुर में एक राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेने आए साहा ने बताया कि शुरुआती जांच में बेला और बिनैका गांव के पास सोने के कण जरूर मिले हैं। हालांकि, उन्होंने जल्दबाजी में कोई भी बड़ा दावा करने से मना किया। उन्होंने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यहां सोने की खदान या अकूत भंडार मिला है। साहा ने स्पष्ट किया कि सोने की मात्रा का पता लगाने में अभी काफी समय लगेगा और यह भी जांच की जाएगी कि क्या इन कणों का खनन आर्थिक रूप से संभव है या नहीं।
खनन की आर्थिक व्यवहार्यता होगी निर्णायक
असित साहा ने बताया कि किसी भी जगह पर खनन तभी शुरू किया जाता है, जब खुदाई और प्रसंस्करण की लागत की तुलना में वहां मिलने वाले खनिज की मात्रा ज्यादा हो। अगर सोना पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है, तो खनन आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं होगा। इसलिए GSI की टीम अभी भी इस बात का गहन अध्ययन कर रही है कि जमीन के नीचे कितनी मात्रा में सोना दबा हुआ है।
जबलपुर भूगर्भीय रूप से समृद्ध क्षेत्र
साहा ने बताया कि मध्य प्रदेश में GSI 40 से अधिक परियोजनाओं पर काम कर रहा है और जबलपुर क्षेत्र उनमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह इलाका भूवैज्ञानिक दृष्टि से काफी समृद्ध माना जाता है और यहां पहले भी कई बेशकीमती खनिज पाए जा चुके हैं। GSI की इस कार्यशाला में देशभर के भू-वैज्ञानिकों ने खनिजों की खोज और दोहन पर चर्चा की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जबलपुर क्षेत्र में मिल रहे खनिज संसाधन विशेषज्ञों के लिए खास दिलचस्पी का विषय हैं। सिहोरा की जमीन में सोने की चमक ने भले ही गांव वालों में उम्मीद जगाई हो, लेकिन GSI की सावधानी से भरी प्रतिक्रिया यह बताती है कि अभी यह एक लंबी प्रक्रिया का शुरुआती चरण है। गांव के लोगों को भले ही विकास और रोजगार के सपने दिखाई दे रहे हों, लेकिन इन सपनों को हकीकत बनने में अभी काफी वक्त लग सकता है।