मनीषा केस: एम्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार, क्या फटी थी सलवार या जानवरों ने नोंची आंखें? Aajtak24 News

मनीषा केस: एम्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार, क्या फटी थी सलवार या जानवरों ने नोंची आंखें? Aajtak24 News

भिवानी - हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू कस्बे में 19 वर्षीय महिला टीचर मनीषा की रहस्यमय मौत का मामला लगातार उलझता जा रहा है। 11 अगस्त को स्कूल जाने के बाद लापता हुई मनीषा का शव दो दिन बाद, 13 अगस्त को सिंघानी गांव के पास एक खेत में अत्यंत बुरी हालत में मिला था। इस घटना ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया और परिवार, ग्रामीणों तथा सामाजिक संगठनों का आक्रोश फूट पड़ा, जिसके दबाव में हरियाणा सरकार को मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपनी पड़ी है।

गुमशुदगी और क्षत-विक्षत शव

मनीषा 11 अगस्त को ढाणी लक्ष्मण स्थित अपने घर से स्कूल के लिए निकली थी। उसने परिवार को बताया था कि स्कूल के बाद वह एक नर्सिंग कॉलेज भी जाएगी। उसी दिन से वह लापता हो गई। परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया, लेकिन उनका आरोप है कि शुरुआती जांच में पुलिस ने लापरवाही बरती और केवल खानापूर्ति के लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। दो दिन बाद, 13 अगस्त को उसका शव सिंघानी गांव के एक बाजरे के खेत में मिला। शव की स्थिति अत्यंत भयानक थी, गर्दन पर गहरे घाव थे और शरीर के कुछ अंग गायब थे। शुरुआती अटकलों में कहा गया कि जंगली जानवरों ने उसकी आंखें खा ली थीं। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि पीड़िता की सलवार फटी हुई थी, जिससे आशंकाएं और गहरी हो गईं।

पोस्टमार्टम रिपोर्टों में विरोधाभास

मनीषा के शव का दो बार पोस्टमार्टम किया गया, जिससे मामले की पेचीदगी और बढ़ गई। पहला पोस्टमार्टम भिवानी सिविल अस्पताल में हुआ, जबकि दूसरा रोहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआई) में किया गया। शुरुआती रिपोर्ट में गला रेतकर हत्या की आशंका जताई गई थी। हालांकि, रोहतक पीजीआई की रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला मोड़ ला दिया, जिसमें मौत का कारण जहर खाना बताया गया और दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। इन विरोधाभासी रिपोर्टों ने परिवार और प्रदर्शनकारियों को संतुष्ट नहीं किया, जिसके बाद उन्होंने तीसरी बार पोस्टमार्टम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कराने की मांग की है। पुलिस ने शुरू से ही इसे आत्महत्या का मामला बताया है, लेकिन परिवार दृढ़ता से कह रहा है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती है। अब सभी की निगाहें एम्स से आने वाली विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे मौत के सही कारणों का पता चल सके।

विरोध-प्रदर्शन और राजनीतिक दबाव

मनीषा के परिजन, ग्रामीण और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने न्याय की मांग को लेकर लगातार आठ दिनों तक सड़कों पर उग्र विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मनीषा का अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया था, जब तक कि उन्हें न्याय का आश्वासन नहीं मिलता। भारी पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती के बावजूद, लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया, और विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर जमकर सवाल उठाए, जिससे सरकार पर जांच का दबाव और बढ़ गया।

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की धमकी

मामले में एक अप्रत्याशित और चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग ने सोशल मीडिया पर एक धमकी भरा पोस्ट जारी किया। गैंग ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस पीड़िता को न्याय दिलाने में विफल रहती है, तो वे खुद ही हत्यारे को ढूंढकर मार देंगे। इस धमकी ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए और मामले की संवेदनशीलता को और बढ़ा दिया।

सीबीआई जांच का ऐलान और अंतिम संस्कार

जनता के बढ़ते आक्रोश और चौतरफा दबाव के बाद आखिरकार हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले की जांच CBI को सौंपने की घोषणा की। CBI जांच की घोषणा के बाद ही परिवार ने मनीषा का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। गुरुवार सुबह करीब 8 बजे मनीषा के छोटे भाई नितेश ने नम आंखों से उसे मुखाग्नि दी। इस दुखद घड़ी में हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। अब सभी को CBI जांच से उम्मीद है कि मनीषा की मौत का रहस्य सुलझ पाएगा और परिवार को न्याय मिल सकेगा। फिलहाल, पुलिस अभी तक इस मामले में मनीषा का मोबाइल फोन और कथित जहर की बोतल बरामद नहीं कर पाई है, जो जांच को और भी जटिल बना रहा है। एम्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और CBI जांच के निष्कर्ष ही अब इस संवेदनशील मामले की सच्चाई सामने ला सकते हैं।

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