असम के मूल निवासियों को मिलेंगे हथियार लाइसेंस, सुरक्षा के लिए पोर्टल होगा लॉन्च Aajtak24 News


असम के मूल निवासियों को मिलेंगे हथियार लाइसेंस, सुरक्षा के लिए पोर्टल होगा लॉन्च Aajtak24 News

गुवाहाटी - असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य के मूल निवासियों को आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल असमिया लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए 'प्रैक्टिकल तरीके' अपनाने होंगे। इसके लिए असम सरकार एक विशेष पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जिसके माध्यम से 'संवेदनशील क्षेत्रों' में रहने वाले लोग शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे।

कौन कर सकता है आवेदन?

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया कि यह सुविधा उन मूल असमिया या भारतीय नागरिकों के लिए है, जो अपने जीवन को खतरा महसूस करते हैं और संवेदनशील या दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। जिला प्रशासन या अधिकृत सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अत्यधिक संवेदनशील माने गए क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कुछ संवेदनशील क्षेत्रों के नाम भी बताए हैं, जिनमें धुबरी, मोरीगांव, बारपेटा, नागांव, दक्षिण सालमारा-मनकाचर, रुपाही, धिंग और जानिया शामिल हैं। इन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी की संख्या अधिक है।

सख्त जांच के बाद ही मिलेगा लाइसेंस

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में कई स्तरों पर सख्त जांच और सत्यापन होगा। इसमें सुरक्षा संबंधी गहन आकलन, वैधानिक अनुपालन और निगरानी शामिल है। लाइसेंस गैर-हस्तांतरणीय होगा और समय-समय पर उसकी समीक्षा भी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि असम आंदोलन (1979 से 1985) के समय से ही इन क्षेत्रों में रहने वाले मूलनिवासी लोग अपनी सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि "असमिया लोग अब केवल आंदोलन से नहीं, बल्कि व्यावहारिक कदम उठाकर ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। यह फैसला 28 मई को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था, जिसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना है।

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