रीवा-मऊगंज में मिलावटखोरों का तांडव, खाद्य विभाग की निष्क्रियता से स्वास्थ्य पर संकट Aajtak24 News

रीवा-मऊगंज में मिलावटखोरों का तांडव, खाद्य विभाग की निष्क्रियता से स्वास्थ्य पर संकट Aajtak24 News

रीवा/मऊगंज - रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर, जहां पूरा देश उल्लास और श्रद्धा में डूबा था, वहीं रीवा और मऊगंज में मिलावटखोरों ने अपनी गतिविधियों को चरम पर पहुंचा दिया। इस वर्ष करोड़ों रुपये की घटिया और मिलावटी मिठाइयां खुलेआम बेची गईं, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग ने कोई जांच या छापेमारी नहीं की, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

पर्व की रौनक, पर मिलावट का कड़वा स्वाद

रक्षाबंधन के मौके पर रीवा के सिविल लाइन, चौपाटी और बिछिया जैसे प्रमुख बाजारों और मऊगंज बस स्टैंड व ग्रामीण हाट-बाजारों में भारी भीड़ उमड़ी। बहनों ने अपने भाइयों के लिए रंग-बिरंगी राखियां और मिठाइयां खरीदीं। दुकानदारों ने इस अवसर पर विशेष ऑफर और पैकेज भी पेश किए, जिससे ग्राहकों की भीड़ और बढ़ गई।हालांकि, इस धूमधाम के बीच एक चिंताजनक तस्वीर भी सामने आई। कई मिठाई की दुकानें स्वच्छता के मानकों को ताक पर रखकर मिठाइयां बेच रही थीं। मिठाइयां खुले में रखी थीं, जिन पर मक्खियां और धूल जमी हुई थी। दूध और मावे से बने उत्पादों में कृत्रिम रंग, सिंथेटिक फ्लेवर और सस्ते वनस्पति घी का इस्तेमाल किया गया। यहां तक कि कई दुकानदारों ने ग्राहकों को बासी और पुराने स्टॉक को नए पैकेटों में भरकर बेचा।

खाद्य विभाग की चुप्पी से बढ़े हौसले

खाद्य सुरक्षा विभाग की इस निष्क्रियता ने मिलावटखोरों के हौसले और भी बुलंद कर दिए। आमतौर पर, त्योहारों के समय विभाग द्वारा बाजारों में सैंपलिंग और छापेमारी की जाती है, ताकि मिलावटखोरी को रोका जा सके। लेकिन इस बार न तो कोई बड़ी जांच हुई और न ही किसी सख्त कार्रवाई की खबर आई। ग्रामीण क्षेत्रों में तो निगरानी का पूरी तरह से अभाव था, जिससे स्थिति और भी गंभीर रही।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन मिलावटी मिठाइयों के सेवन से होने वाले गंभीर खतरों के प्रति चेतावनी दी है। उनके अनुसार, घटिया और मिलावटी मिठाइयां फूड पॉइजनिंग, लीवर और किडनी की बीमारियों, एलर्जी और बच्चों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती हैं। बुजुर्ग और बच्चे ऐसी मिठाइयों के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं। प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग की यह लापरवाही नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। रीवा और मऊगंज के बाज़ारों में हुई इस तरह की मिलावटखोरी ने न केवल त्योहार की पवित्रता को दूषित किया है, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह जरूरी है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और भविष्य में ऐसे आयोजनों पर कड़ी निगरानी रखे, ताकि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


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