रीवा में दबंगों का तांडव: पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित परिवार को पीटा, प्रशासन मौन Aajtak24 News

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रीवा - रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत मदरी में एक भूमि विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। एक पीड़ित परिवार को स्थानीय दबंगों ने दिनदहाड़े, पुलिस की मौजूदगी में लाठी-डंडों से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने प्रशासनिक निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पांच साल से न्याय के लिए भटक रहा परिवार

पीड़ित अजय शुक्ला और उनका परिवार बीते पांच वर्षों से अपनी पुश्तैनी 2 एकड़ जमीन (खसरा नंबर 6/1/1 और 6/2) पर कब्जे के लिए संघर्ष कर रहा है। उनके पास भू-अधिकार पुस्तिका और न्यायालय के आदेश जैसे वैध दस्तावेज हैं, जो उन्हें जमीन पर कब्जा करने का अधिकार देते हैं। इसके बावजूद, स्थानीय दबंग राकेश शुक्ला, गौरभ शुक्ला, शिवम शुक्ला और उनके सहयोगी कथित तौर पर राजनीतिक संरक्षण के दम पर अजय शुक्ला को जमीन पर कब्जा नहीं करने दे रहे हैं। पीड़ित परिवार को लगातार धमकियां दी जा रही हैं और अब तो उन पर जानलेवा हमला भी किया गया है।

महिला और बच्चों के सामने की गई बर्बर पिटाई

घटना के दिन, अजय शुक्ला अपनी पत्नी सुमन शुक्ला और बच्चों के साथ अपने खेत पर पहुंचे। उनके पास प्रशासनिक आदेश की प्रति और जमीन के दस्तावेज थे, लेकिन तभी विपक्षी पक्ष के लोग वहां आ गए और उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने लाठी, डंडों और लोहे की रॉड से अजय शुक्ला की बर्बरतापूर्वक पिटाई की। इस दौरान उनकी पत्नी और बच्चे भी मौके पर मौजूद थे। हमलावरों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और गांव की सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर मारा। यह पूरा घटनाक्रम मोबाइल में रिकॉर्ड हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।

राजनीतिक दबाव के आरोप, पुलिस पर सवाल

पीड़ित अजय शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अब तक गढ़ थाना और लालगांव चौकी में 14 बार और सीएम हेल्पलाइन 181 पर 15 बार शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन हर बार सिर्फ कागजी कार्रवाई हुई। उन्होंने सवाल उठाया, "जब पुलिस की मौजूदगी में मुझे मारा गया और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, तो फिर कानून किसके लिए है?" यह घटना रीवा में कानून-व्यवस्था और न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है। प्रशासन की चुप्पी यह दर्शाती है कि कहीं न कहीं दबंगों को सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण मिल रहा है। यदि प्रशासन अब भी इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं करता है, तो यह रीवा जिले की सबसे बड़ी प्रशासनिक विफलता साबित हो सकती है।



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