अमानक खाद बेचने पर लाइसेंस रद्द
पहला मामला मेसर्स इंद्रलाल गुप्ता, गढ़ का है। कृषि विभाग ने जब उनके यहां से सिंघन सुपर फॉस्फेट का नमूना लिया और उसे प्रयोगशाला में जाँच के लिए भेजा, तो वह अमानक पाया गया। विक्रेता को नोटिस जारी किया गया, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया। इसके अलावा, बचा हुआ पूरा स्टॉक 30 दिनों के भीतर नष्ट करने का भी आदेश दिया गया है, ताकि कोई भी किसान इस घटिया खाद का शिकार न हो।
अवैध परिवहन पर लाइसेंस निलंबित
दूसरा मामला मेसर्स विकास ट्रेडिंग कंपनी, गढ़ से जुड़ा है। 8 जून 2025 को पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक ट्रक पकड़ा, जिसमें भारी मात्रा में उर्वरक बिना किसी वैध दस्तावेज के ले जाया जा रहा था। जाँच में पता चला कि यह खाद विकास ट्रेडिंग कंपनी की थी। इस गंभीर अनियमितता के चलते कंपनी के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उनके लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई दर्शाती है कि सिर्फ अमानक खाद बेचना ही नहीं, बल्कि अवैध रूप से उसका परिवहन करना भी अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन की सख्त चेतावनी और अपील
इस कार्रवाई के बाद, अनुज्ञापन अधिकारी (उर्वरक) और उपसंचालक कृषि ने सभी व्यापारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा है कि अब कोई भी व्यापारी घटिया या नकली खाद बेचकर बच नहीं पाएगा। हर पैकेट की जाँच होगी और हर बिक्री का हिसाब देना होगा। साथ ही, किसानों और आम जनता से अपील की गई है कि अगर उन्हें किसी भी दुकानदार की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत कृषि विभाग को सूचित करें। विभाग ने यह भी भरोसा दिलाया है कि शिकायत करने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यह कदम प्रशासन और किसानों के बीच एक मजबूत साझेदारी को दिखाता है, जिसका उद्देश्य खाद के नाम पर होने वाली ठगी को जड़ से खत्म करना है।