चुनाव आयोग का राहुल गांधी को पत्र: 'दावे सही साबित करें या फर्जी आरोप लगाना बंद करें Aajtak24 News

चुनाव आयोग का राहुल गांधी को पत्र: 'दावे सही साबित करें या फर्जी आरोप लगाना बंद करें Aajtak24 News

नई दिल्ली - कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर आयोग ने तीखी और निर्णायक प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की मतदाता सूची में एक लाख से अधिक वोटों की चोरी हुई है और आयोग बीजेपी के साथ मिलीभगत कर इस धांधली का हिस्सा रहा है। राहुल गांधी के इस 'धमाके' के बाद, चुनाव आयोग ने पहली बार सीधे उन पर निशाना साधते हुए एक पत्र भेजा है।

आयोग ने आरोपों को शपथ पत्र पर साइन करने की चुनौती दी

चुनाव आयोग की ओर से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को एक पत्र भेजकर उनके आरोपों को शपथ पत्र पर साइन करने की चुनौती दी है। पत्र में लिखा है, "यह ज्ञात है कि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपने मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को बाहर करने का जिक्र किया था। आपसे अनुरोध है कि आप मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत शपथ पर हस्ताक्षर करके ऐसे मतदाताओं के नाम के साथ वापस भेजें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके। योग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर ये दावे किसी भी स्थिति में गलत पाए गए तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह पत्र राहुल गांधी के उस आरोप के ठीक बाद आया है, जिसमें उन्होंने आयोग को भाजपा के साथ मिलीभगत कर वोट चोरी में शामिल बताया था।

पुराने आरोपों को आयोग ने बताया निराधार

यह ध्यान देने योग्य है कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए हैं। बीते सप्ताह भी जब उन्होंने 'सबूत' होने का दावा किया था, तब आयोग ने इसे निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था। आयोग ने तब कहा था कि राहुल गांधी ने कभी भी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है और बार-बार बुलाए जाने पर भी वह आयोग के सामने पेश नहीं हुए हैं। इस पृष्ठभूमि में, आयोग की यह नवीनतम प्रतिक्रिया उनके आरोपों को एक गंभीर चुनौती के रूप में देखती है।

राहुल गांधी ने दिया जवाब

जब प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने राहुल गांधी को चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए शपथ पत्र के बारे में बताया, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से यह बयान दे रहे हैं और आयोग को इसे शपथ के रूप में ही देखना चाहिए। उन्होंने सीधे तौर पर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात नहीं कही, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह आयोग की चुनौती को स्वीकार करते हैं या नहीं। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या राहुल गांधी आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी और शपथ पत्र को जमा करते हैं, या यह विवाद आगे और तूल पकड़ेगा।

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