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| प्रेम का पागलपन: डॉक्टर ने 7 साल तक लाश के साथ बिताई रातें, चौंकाने वाली हकीकत से दुनिया हैरान Aajtak24 News |
फ्लोरिडा - यह कहानी है प्रेम, पागलपन और जुनून की ऐसी सच्ची दास्तान, जिसे सुनकर आज भी लोग सिहर उठते हैं। साल 1930 के दशक में, एक रेडियोलॉजिक टेक्नीशियन कार्ल टैंज्लर ने एक युवा टीबी मरीज एलेना डी होयोस के प्यार में पागल होकर वो सब किया, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। टैंज्लर ने एलेना की मौत के बाद उसकी लाश को कब्रिस्तान से निकालकर 7 सालों तक अपने घर में रखा, उसके साथ एक इंसान की तरह रहा। इस घटना का खुलासा होने पर न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया हैरान रह गई थी।
एकतरफा प्रेम की शुरुआत
यह कहानी 1930 के दशक की है, जब 22 साल की एलेना डी होयोस को टीबी की बीमारी हुई और उन्हें फ्लोरिडा के मरीन अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी दौरान उनकी मुलाकात अस्पताल में काम करने वाले कार्ल टैंज्लर से हुई। टैंज्लर ने तुरंत ही एलेना को अपने सपनों की रानी मान लिया, जिसका दावा उसने बचपन से किया था। हालांकि, एलेना ने उसके प्यार को कभी स्वीकार नहीं किया। अपने एकतरफा प्रेम में पागल टैंज्लर ने एलेना को बचाने के लिए घरेलू टॉनिक, बिजली वाले उपकरण और झूठे वादों का सहारा लिया। लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद 25 अक्टूबर 1931 को एलेना की मृत्यु हो गई।
मौत के बाद भी नहीं छूटा जुनून
एलेना की मौत के बाद भी टैंज्लर का जुनून कम नहीं हुआ। उसने एलेना के अंतिम संस्कार का सारा खर्च उठाया और अपने पैसे से एक आलीशान मकबरा बनवाया। इस मकबरे की चाबी सिर्फ उसी के पास थी। टैंज्लर हर रात कब्र पर जाता, उससे बातें करता, और यहां तक कि एक टेलीफोन भी लगवा दिया था ताकि वह एलेना की आत्मा से बात कर सके। यह सिलसिला दो साल तक चलता रहा।
कब्र से लाश निकालकर घर ले आया
1933 में, टैंज्लर ने अपने पागलपन की सारी हदें पार कर दीं। उसने चुपके से एलेना की लाश को मकबरे से निकाला और अपने घर ले आया। अगले सात सालों तक उसने एलेना की लाश के साथ एक इंसान की तरह जीवन बिताया।
लाश का संरक्षण: टैंज्लर ने लाश को सड़ने से बचाने के लिए कई रसायनों, परफ्यूम और अन्य चीजों का इस्तेमाल किया।
पुनर्निर्माण: लाश के सड़ने के बाद, उसने हड्डियों को तार और कोट हैंगर से जोड़ा। चेहरे को मोम और प्लास्टर से दोबारा बनाया। आंखों में कांच की आंखें लगाईं और एलेना के असली बालों से एक विग बनाया।
साज-सज्जा: उसने लाश को महंगे कपड़े और जेवर पहनाए और हर रात अपने साथ बिस्तर में सुलाता रहा।
ऐसे हुआ खुलासा और जनता का रिएक्शन
साल 1940 में एलेना की बहन को टैंज्लर पर शक हुआ। वह पुलिस के साथ उसके घर गई और वहां एलेना की सजी-धजी, लेकिन क्षत-विक्षत लाश को देखकर हैरान रह गई। टैंज्लर को लाश चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन 'स्टेच्यूट ऑफ लिमिटेशन' (अवधि सीमा) के कारण उस पर कोई मुकदमा नहीं चल सका।
इस घटना के बाद, एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। उस समय की अमेरिकी जनता ने टैंज्लर को एक सिरफिरा अपराधी मानने की बजाय एक 'सच्चा प्रेमी' माना। अखबारों ने उसे "ट्रेजेडी के प्रेमी" के रूप में दिखाया। एलेना के शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जिसे देखने 6,000 लोग आए। बाद में, शव को एक गुप्त कब्र में दफनाया गया ताकि कोई दोबारा उसे न निकाल सके। 1952 में, टैंज्लर की मौत हो गई। कहा जाता है कि उसके मरने के समय भी उसके पास एलेना जैसी दिखने वाली एक बड़ी गुड़िया थी।
