"नौकरी नहीं, मालिक पैदा करो" - क्रांतिकारी नीति का लक्ष्य
बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि कुमार शुक्ल ने राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह नीति देश में "नौकरी नहीं, मालिक पैदा करो" की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ है। इसके साथ ही, गुजरात में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना कर सहकारिता के क्षेत्र में उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान की व्यवस्था की गई है।
बैठक के प्रमुख निर्णय और योजनाएं
बैठक में सहकारिता आंदोलन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई:
बहुउद्देशीय समितियों का गठन: देश भर की प्राथमिक सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय समितियों में बदला जाएगा। इसका उद्देश्य है कि ये समितियां कृषि, विपणन, डेयरी, मत्स्य पालन, हस्तशिल्प, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर सकें।
हर ग्राम पंचायत में समिति: ग्रामीण क्षेत्रों तक सहकारिता की पहुंच और उपयोगिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक बहुउद्देशीय सहकारी समिति की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
PPP मॉडल के तहत साझेदारी: पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत सहकारिता संगठनों को निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने की छूट दी जाएगी, जिससे बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाए जा सकें और सहकारिता का विस्तार हो सके।
स्वरोजगार को बढ़ावा: इस नीति के माध्यम से सहकारिता के जरिए स्वरोजगार का सृजन कर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
प्रेस वक्तव्य में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह नीति केवल कागजों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि एक जनांदोलन बनकर जमीनी स्तर पर लागू की जाएगी।
सहकारिता से आत्मनिर्भर बनेगा 'विश्वगुरु भारत'
ऋषि कुमार शुक्ल ने जोर देकर कहा कि जब तक समाज का अंतिम व्यक्ति आर्थिक रूप से सशक्त नहीं होगा, तब तक भारत सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि जल, जंगल और जमीन से जुड़े ग्रामीणों को सहकारिता के माध्यम से जोड़ा जाए और उन्हें उत्पादन, विपणन एवं वितरण में साझेदार बनाया जाए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी सहकारी समिति का गठन करना होगा, तभी वह सही मायने में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा पाएगा।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के सशक्त नेतृत्व की सराहना की गई, जिनके प्रयासों से यह ऐतिहासिक नीति अस्तित्व में आई है। बैठक में यह भी कहा गया कि लंबे समय बाद सहकारिता मंत्रालय को स्वतंत्र पहचान मिली है, जो स्वयं में एक क्रांतिकारी कदम है।
बैठक में विभाग प्रमुख संजय पाण्डेय, जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार गौतम, जिला संगठन प्रमुख शमीर टंडन, जिला महामंत्री गौरव शुक्ल, महिला प्रमुख नीतू पाठक सहित जिला कार्यकारिणी के सभी सदस्य उपस्थित रहे। अंत में, सहकार भारती की रीवा इकाई ने इस नीति को प्रत्येक ग्राम पंचायत तक पहुंचाने का संकल्प लिया, ताकि सहकारिता एक जन-जन का आंदोलन बन सके और देश में आर्थिक समानता व रोजगार के नए अवसर पैदा हों।