मध्य प्रदेश के कुबेरेश्वर धाम में भगदड़, 2 महिलाओं की मौत, 10 घायल ghayal Aajtak24 News


मध्य प्रदेश के कुबेरेश्वर धाम में भगदड़, 2 महिलाओं की मौत, 10 घायल ghayal Aajtak24 News

सीहोर/मध्य प्रदेश - सावन के महीने में धार्मिक उपदेशक पंडित प्रदीप मिश्रा से जुड़े कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। कांवड़ यात्रा से ठीक एक दिन पहले, रुद्राक्ष वितरण के दौरान मची भगदड़ में 2 महिलाओं की मौत हो गई और करीब 10 श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों में से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

अचानक मची भगदड़ ने ले ली जान

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे हुई। रुद्राक्ष वितरण के लिए देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। पुलिस के अनुसार, अत्यधिक भीड़ के कारण व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गईं और स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। घायलों को तुरंत पास के जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने दो महिलाओं को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है, हालांकि अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सुनीता रावत ने 2 लोगों की मौत की पुष्टि की और बताया कि उनकी पहचान के प्रयास जारी हैं।

प्रशासन की तैयारियों पर उठे सवाल

इस हादसे ने प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने धाम पर 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती और चाक-चौबंद इंतजामों का दावा किया था, जिनमें 4 डीएसपी, 7 टीआई और 30 सब-इंस्पेक्टर शामिल थे। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ के दबाव को देखते हुए ये इंतज़ाम नाकाफी साबित हुए। हादसे के समय न तो भीड़ को नियंत्रित किया जा सका और न ही मेडिकल टीमें समय पर पहुँच पाईं।

इंदौर-भोपाल हाईवे पर लगा लंबा जाम

घटना के बाद से कुबेरेश्वर धाम की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण इंदौर-भोपाल हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन भीड़ की संख्या अधिक होने से जगह-जगह वाहन फंसे हुए हैं। शहर की सभी धर्मशालाएं, होटल और लॉज पहले से ही भर चुके थे, जिसके कारण श्रद्धालुओं को ठहरने, भंडारे और दर्शन की व्यवस्था में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह घटना एक बार फिर से धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। फिलहाल, घटना की जांच जारी है।

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