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बेंगलुरु के पास मिले 19 टुकड़ों में कटे शव की गुत्थी सुलझी: दामाद ने की सास की हत्या, देह व्यापार के आरोप भी bhi Aajtak24 News |
बेंगलुरु - कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से लगभग 100 किलोमीटर दूर, अगस्त महीने में शव के 19 टुकड़े मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने अब इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया है। जांच में सामने आया है कि यह शव 42 वर्षीय लक्ष्मीदेवम्मा का था, जिनकी हत्या उनके दामाद डॉ. रामचंद्रैया ने अपने दो साथियों की मदद से की थी। पुलिस ने इस मामले में कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
घटना का खुलासा चिंपूगनहल्ली में मिले शव के टुकड़ों की फॉरेंसिक जांच में यह पुष्टि हुई थी कि यह एक महिला का शव है। इसके बाद पुलिस ने गुमशुदा महिलाओं की जानकारी जुटानी शुरू की। जांच के दौरान बेल्लावी की रहने वाली लक्ष्मीदेवम्मा की गुमशुदगी का पता चला, जिसकी रिपोर्ट उनके पति बासवराज ने दर्ज कराई थी। पुलिस को पता चला कि लक्ष्मीदेवम्मा को आखिरी बार 3 अगस्त को उनकी बेटी तेजस्वी के हनुमंतपुरा स्थित घर से निकलते हुए देखा गया था।
कैसे मिला सुराग? पुलिस ने 3 अगस्त को हनुमंतपुरा से कोराटगेरे की तरफ गई एक सफेद एसयूवी पर ध्यान केंद्रित किया, जिसकी दोनों नंबर प्लेट अलग-अलग थीं। असली नंबर प्लेट की जांच से पुलिस उर्दिगेरे गांव के किसान सतीश तक पहुंची। फोन रिकॉर्ड्स से पता चला कि सतीश का फोन लक्ष्मीदेवम्मा के गायब होने के दिन से बंद था। मुखबिरों से जानकारी मिली कि सतीश के खेत पर वह एसयूवी देखी गई थी। पुलिस ने सतीश का पीछा कर उसे उसके सहयोगी किरण के साथ होरानादू मंदिर से गिरफ्तार किया।
दामाद निकला मास्टरमाइंड पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वह एसयूवी छह महीने पहले ही डॉ. रामचंद्रैया ने खरीदी थी, लेकिन शक से बचने के लिए उसे सतीश के नाम पर रजिस्टर कराया था। डॉ. रामचंद्रैया का आमना-सामना सतीश और किरण से कराने पर सतीश ने सच्चाई उगलना शुरू कर दिया। इसके बाद डॉ. रामचंद्रैया और किरण ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया।
हत्या का कारण पुलिस के अनुसार, डॉ. रामचंद्रैया ने बताया कि वह अपनी सास लक्ष्मीदेवम्मा से नाराज था क्योंकि वह उसकी शादीशुदा जिंदगी में लगातार दखल दे रही थी। इसके अलावा, रामचंद्रैया ने लक्ष्मीदेवम्मा पर अपनी बेटी तेजस्वी को देह व्यापार में धकेलने का आरोप भी लगाया। डॉ. रामचंद्रैया (47) की यह दूसरी शादी थी और उनकी पत्नी तेजस्वी उनसे 20 साल छोटी है। दोनों का एक तीन साल का बच्चा भी है। रामचंद्रैया को डर था कि लक्ष्मीदेवम्मा उनके परिवार को बर्बाद कर देगी, इसलिए उसने इस वारदात की योजना बनाई।
जघन्य वारदात का पूरा विवरण रामचंद्रैया ने वारदात से छह महीने पहले ही हत्या की साजिश रच ली थी। उसने सतीश और किरण को इस काम के लिए 4-4 लाख रुपये देने का वादा किया था और 50,000 रुपये एडवांस भी दिए थे। 3 अगस्त को जब लक्ष्मीदेवम्मा अपनी बेटी के घर से वापस लौट रही थीं, तो रामचंद्रैया ने उन्हें घर छोड़ने का बहाना बनाकर लिफ्ट दी। कार में पहले से ही सतीश और किरण मौजूद थे। कार में बैठते ही तीनों ने मिलकर लक्ष्मीदेवम्मा का गला घोंट दिया। अगले दिन, उन्होंने धारदार हथियारों से शव को 19 टुकड़ों में काट दिया और उन्हें अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।