अवैध धर्मांतरण पर योगी सरकार का कड़ा प्रहार: झांगुर बाबा की आलीशान कोठी जमींदोज jamidoj Aajtak24 News

अवैध धर्मांतरण पर योगी सरकार का कड़ा प्रहार: झांगुर बाबा की आलीशान कोठी जमींदोज jamidoj Aajtak24 News

लखनऊ/उत्तर प्रदेश - उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के मामलों पर योगी सरकार लगातार शिकंजा कस रही है। इसी कड़ी में बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ झांगुर बाबा पर तगड़ा एक्शन लिया गया है। मंगलवार (आज) सुबह प्रशासन ने झांगुर बाबा की मधपुर स्थित आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि यह कोठी अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बनाई गई थी और यहीं से झांगुर बाबा अपने काले कारनामों को अंजाम देता था।

अवैध संपत्ति पर चला बुलडोजर

कोतवाली उतरौला के अंतर्गत मधपुर में स्थित यह कोठी अभिलेखों में नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन पत्नी नवीन रोहरा के नाम दर्ज थी। हालांकि, प्रशासन का मानना है कि इसके निर्माण में झांगुर का पैसा लगा था और इसका निर्माण सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर किया गया था। इस संबंध में नीतू उर्फ नसरीन को पहले ही तीन नोटिस जारी किए जा चुके थे। एसडीएम राजेंद्र बहादुर, तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति, एएसपी विशाल पाण्डेय, सीओ राघवेंद्र प्रताप और एसएचओ अवधेश राज सिंह की मौजूदगी में सुबह 10:30 बजे बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू हुई। घर का सारा सामान सुरक्षित निकलवाकर सूचीबद्ध किया गया और फिर भवन को ढहाना शुरू कर दिया गया। एसडीएम राजेंद्र बहादुर ने बताया कि भवन ढहाने की प्रक्रिया पूरी तरह नियमानुसार की गई है।

धर्मांतरण रैकेट का खुलासा

झांगुर बाबा को यूपी एटीएस ने चार दिन पहले लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उसके साथ उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को भी पकड़ा गया था। पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। झांगुर बाबा बलरामपुर के उतरौला और मधपुर गांव में धर्मांतरण का एक बड़ा रैकेट चला रहा था। उसने मुंबई से लेकर लखनऊ तक कई लोगों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। कुछ समय पहले ही गोमतीनगर में झांगुर के शिकार बने कुछ लोगों ने दोबारा रीति-रिवाजों के अनुसार हिंदू धर्म अपनाया था। एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि झांगुर को अपने अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग की जाती थी। उसकी संस्थाओं में आई रकम मुरादाबाद, औरैया और आजमगढ़ सहित कई जगहों पर भेजी जाती थी। कुछ लेनदेन तो काफी बड़ी रकम के थे। एटीएस के अधिकारी विदेशी फंडिंग के जरिए आई इस रकम के बड़े पैमाने पर बंदरबांट को देखकर हैरान रह गए हैं। लखनऊ से भी कई बार झांगुर के पास रकम पहुंचाई गई थी। इस बड़ी फंडिंग और उसके विशाल नेटवर्क को देखकर एटीएस झांगुर के गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है। इस मामले में राजस्व विभाग को झांगुर की संपत्ति की जांच का आदेश दिया गया है और ईडी को भी मामले की जांच के लिए कहा गया है। यह कार्रवाई योगी सरकार की अवैध गतिविधियों और माफिया के खिलाफ चल रही मुहिम का एक और उदाहरण है।

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