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रिश्तेदार बनकर साइबर ठगी: मऊगंज पुलिस की तत्परता से पीड़ित को ₹30,000 वापस मिले, साइबर सेल की बड़ी सफलता Aajtak24 News |
मऊगंज - मऊगंज जिले में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहाँ भदौहा निवासी रवी कुमार पटेल साइबर ठगों का शिकार बन गए थे। हालांकि, मऊगंज पुलिस और साइबर सेल की तत्परता से रवी कुमार को उनकी ठगी गई ₹30,000 की राशि वापस मिल गई है. यह मऊगंज साइबर सेल की पहली बड़ी सफलता मानी जा रही है, जहाँ ठगी गई रकम को सफलतापूर्वक रिफंड कराया गया है।
क्या था मामला?
घटना 6 मई 2025 की है. रवी कुमार पटेल के पास एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को उनका रिश्तेदार बताया। ठग ने रवी को विश्वास दिलाया कि वह उनके खाते में कुछ पैसे भेज रहा है, जिसे बाद में लौटाना होगा. इसके बाद एक लिंक भेजा गया, जिसे क्लिक करते ही रवी कुमार के खाते से ₹40,000 गायब हो गए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बची रकम
ठगी का शिकार होते ही रवी कुमार ने बिना देर किए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी ने तत्काल साइबर सेल मऊगंज को जांच सौंपी. साइबर सेल की टीम ने फुर्ती दिखाते हुए ठग के खाते को तुरंत होल्ड करवा दिया। हालांकि, तब तक ₹10,000 पहले ही निकाले जा चुके थे, लेकिन शेष ₹30,000 सुरक्षित कर लिए गए।
साइबर सेल की पहली बड़ी वापसी
साइबर सेल प्रभारी भावेश द्विवेदी ने बताया कि ठगी की गई राशि हरियाणा के एक बैंक खाते में भेजी गई थी। टीम ने कोर्ट के आदेश प्राप्त कर ₹30,000 की होल्ड राशि को रवी कुमार के खाते में सफलतापूर्वक वापस दिला दिया। यह मऊगंज साइबर सेल की पहली ऐसी कार्रवाई है, जिसमें ठगी गई पूरी राशि का रिफंड सुनिश्चित किया गया है।
पूर्व की घटना और पुलिस की चेतावनी
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मऊगंज में इससे पहले एक महिला शिक्षक भी साइबर ठगी का शिकार हुई थीं और मानसिक दबाव के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। उस मामले में भी पुलिस ने अलवर (राजस्थान) से आरोपी ठगों को गिरफ्तार किया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने इस घटना को सभी के लिए एक सबक बताया है. उन्होंने जनता से अपील की है कि:
किसी भी अनजान कॉल, लिंक या ऐप से सावधान रहें।
अपना ओटीपी या बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।
किसी भी साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तत्काल 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या नजदीकी साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
मऊगंज पुलिस की सजगता और साइबर सेल की कार्यकुशलता ने रवी कुमार को उनके मेहनत के पैसे वापस दिलवाए हैं. पुलिस प्रशासन ने आमजन से लगातार जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल देने की अपील की है।