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बीजापुर में नक्सलियों का दोहरा आतंक: ID ब्लास्ट में ग्रामीण घायल, एक की नृशंस हत्या hatya Aajtak24 News |
बीजापुर/छत्तीसगढ़ - छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में माओवादियों ने एक बार फिर अपनी कायराना करतूतों से दहशत फैलाई है। मंगलवार को एक के बाद एक दो बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हुए नक्सलियों ने एक ग्रामीण को आईडी (Improvised Explosive Device) ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल कर दिया, वहीं दूसरी घटना में एक अन्य ग्रामीण की नृशंस हत्या कर दी। इन वारदातों ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया है और ग्रामीणों में भय का माहौल है।
ID ब्लास्ट से दहला जंगल, ग्रामीण गंभीर रूप से घायल
पहली घटना सिराकोंटा और दम्पाया के बीच जंगल क्षेत्र में हुई। जानकारी के अनुसार, मंगलवार देर शाम पेगड़ापल्ली गाँव का रहने वाला 32 वर्षीय विशाल गोटे 'फुटु' (जंगली मशरूम) इकट्ठा करने के लिए जंगल गया था। इसी दौरान, वह नक्सलियों द्वारा पहले से बिछाई गई प्रेशर आईडी की चपेट में आ गया।
ब्लास्ट इतना जोरदार था कि विशाल गोटे के पैर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। धमाके की आवाज़ सुनकर जब लोग मौके पर पहुँचे तो विशाल को लहूलुहान अवस्था में पाया। उसे तुरंत मद्देड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल बीजापुर रेफर कर दिया गया। बाद में, बेहतर इलाज के लिए उसे मेडिकल कॉलेज जगदलपुर ले जाया गया।
प्रशासन ने इस घटना के बाद आम जनता से अपील की है कि वे जंगल क्षेत्रों में भ्रमण करते समय अत्यधिक सावधानी बरतें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की जानकारी मिलने पर तुरंत स्थानीय पुलिस थाना या नज़दीकी सुरक्षा कैंप को सूचित करें। यह चेतावनी नक्सलियों द्वारा बिछाई गई आईडी के खतरे को उजागर करती है, जो अक्सर निर्दोष ग्रामीणों को अपना शिकार बनाते हैं।
उसुर थाना क्षेत्र में ग्रामीण की हत्या
दूसरी घटना बीजापुर के उसुर थाना क्षेत्र की है, जहाँ नक्सलियों ने एक ग्रामीण की बेरहमी से हत्या कर दी। हालाँकि, मृतक की पहचान और हत्या के पीछे का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची और शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की जाँच में जुट गई है। नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों की हत्या की यह घटनाएँ अक्सर मुखबिरी के शक या उनके फरमानों का उल्लंघन करने पर की जाती हैं, जिससे स्थानीय लोगों में डर और बढ़ जाता है।
नक्सली हिंसा का बढ़ता ग्राफ
बीजापुर और छत्तीसगढ़ के अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और सुरक्षा बलों पर दबाव बनाने के लिए लगातार ऐसी हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। आईईडी ब्लास्ट उनकी प्रमुख रणनीति में से एक है, जिसका इस्तेमाल वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के साथ-साथ आम जनता को डराने के लिए भी करते हैं। इन घटनाओं से यह भी स्पष्ट होता है कि नक्सली अब सीधे-सीधे ग्रामीणों को निशाना बनाने से भी नहीं चूक रहे हैं, जिससे क्षेत्र में शांति और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। प्रशासन और सुरक्षा बल इन चुनौतियों से निपटने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।