![]() |
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पर स्टाफ से बर्बर मारपीट का आरोप, FIR दर्ज न होने पर पीड़ित धरने पर बैठा Aajtak24 News |
रीवा - रीवा की राजनीति में एक बार फिर गंभीर आरोप सामने आए हैं। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पर उनके ही स्टाफ के एक सदस्य ने बर्बर मारपीट का आरोप लगाया है। पीड़ित का दावा है कि तीन महीने की बकाया तनख्वाह मांगने पर विधायक ने पहले खुद लाठियों से पीटा और फिर अपने समर्थकों से भी मारपीट करवाई। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस विधायक के दबाव में FIR दर्ज करने से इनकार कर रही है, जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ थाने में धरने पर बैठ गया है।
मारपीट और FIR दर्ज न होने का आरोप
यह घटना चोरहटा थाना क्षेत्र के एक फार्महाउस की बताई जा रही है। पीड़ित युवक ने आरोप लगाया है कि विधायक अभय मिश्रा ने बकाया तनख्वाह मांगने पर उसे गालियां दीं, फिर 30 लाठी खुद मारीं और उसके बाद 10-12 अन्य लोगों से भी जमकर पिटवाया। खून से लथपथ हालत में जब पीड़ित शिकायत लेकर थाने पहुंचा, तो उसे कथित तौर पर बताया गया कि "विधायक के खिलाफ FIR नहीं लिखी जाएगी।" पीड़ित का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने थाने से ही विधायक को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दे दी। इस घटना के बाद, पीड़ित अपने परिवार के साथ आज शुक्रवार सुबह से थाने में धरने पर बैठा है, इंसाफ की गुहार लगा रहा है। हालांकि, पुलिस-प्रशासन इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस मामले में भाजपा नेता राजेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जब सत्ता लाठी लेकर उतरती है, तो न्याय घायल हो जाता है!" उन्होंने यह भी कहा कि अगर यही आरोप किसी सामान्य व्यक्ति पर लगे होते तो पुलिस तुरंत कार्रवाई कर देती। यादव ने रीवा पुलिस की कथित तत्परता पर भी सवाल उठाए, जो उनके अनुसार, "दर्जनों युवाओं की नौकरी में बाधा उत्पन्न कर चुकी है। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा का इस मामले पर अभी तक कोई पक्ष प्राप्त नहीं हो सका है। यह आरोप काफी गंभीर है, क्योंकि यदि जनता, जिनसे सुरक्षा की अपेक्षा करती है, उन्हीं के द्वारा प्रताड़ित होती है तो न्याय के लिए कहाँ जाए? यह घटना पुलिस की जवाबदेही और कानून के समक्ष समानता के सिद्धांत पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। क्या रीवा पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी और पीड़ित को न्याय दिला पाएगी?