रीवा के मनगवां फ्लाईओवर में करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर: पहली बारिश में उखड़ी सड़क, EOW में शिकायत दर्ज darj Aajtak24 News

रीवा के मनगवां फ्लाईओवर में करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर: पहली बारिश में उखड़ी सड़क, EOW में शिकायत दर्ज darj Aajtak24 News

रीवा - रीवा जिले के मनगवां बाईपास पर 14 करोड़ रुपये की लागत से बने फ्लाईओवर का भ्रष्टाचार पहली ही बारिश में खुलकर सामने आ गया है। मई 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा लोकार्पित किए गए इस फ्लाईओवर की सड़क की परतें जगह-जगह से उखड़ गई हैं और गड्ढे बन गए हैं। संविदाकार द्वारा इन गड्ढों में सिर्फ मोरम और गिट्टी डालकर लीपापोती की जा रही है, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि पूरा फ्लाईओवर कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गया है, जिससे शासन को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और जनता की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।

जनहित के नाम पर खिलवाड़, पहले ही जताई गई थी आशंका

मनगवां क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से यह फ्लाईओवर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के प्रयासों से स्वीकृत हुआ था। हालांकि, इसके निर्माण के दौरान ही क्षेत्रीय विधायक इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति ने सरकार को पत्र लिखकर कार्य की धीमी गति और घटिया गुणवत्ता पर चिंता जताई थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया, तो यह परियोजना जनसुरक्षा के बजाय जनसंकट बन जाएगी। दुर्भाग्यवश, उनकी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया और अब वही आशंका सच साबित हुई है।

खुला भ्रष्टाचार का चेहरा: घटिया सामग्री और लापरवाही

बारिश की शुरुआत में ही फ्लाईओवर की डामर की परतें उखड़ गईं और बड़े-बड़े गड्ढे बन गए, जो किसी भी समय जानलेवा हादसों का कारण बन सकते हैं। संविदाकार द्वारा की जा रही खानापूर्ति, जिसमें केवल मोरम और गिट्टी डाली जा रही है, स्थिति को और गंभीर बना रही है। यह स्थिति स्पष्ट तौर पर ठेकेदार, विभागीय इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, जहां जानबूझकर घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। मापदंडों का उल्लंघन करते हुए घटिया कुटाई, रोलिंग, फ्लाईओवर में प्रयुक्त मिट्टी-मोरम की गुणवत्ता, और डामर की परत की मोटाई व गुणवत्ता पर गंभीर संदेह है।

समाजसेवी ने EOW में दर्ज कराई शिकायत, सख्त कार्रवाई की मांग

इस गंभीर अनियमितता पर समाजसेवी एवं अधिवक्ता मानवेंद्र द्विवेदी ने आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) रीवा के पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद सिंह को विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने फ्लाईओवर निर्माण में हुए भ्रष्टाचार, लोकधन की बर्बादी और नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की है। एड. द्विवेदी ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने, विभागीय अधिकारियों पर निलंबन और न्यायिक जांच के निर्देश जारी करने, साथ ही निर्माण कार्य में खर्च हुई पूरी राशि की तकनीकी ऑडिट कराकर आर्थिक क्षति की वसूली की भी मांग की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह का भ्रष्टाचार न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि आम नागरिकों के जीवन से भी खिलवाड़ है।

EOW ने दिया जांच का आश्वासन, जनता में भारी आक्रोश

EOW के पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद सिंह ने मामले में प्राथमिक जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों में इस मामले को लेकर भारी आक्रोश है। लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों की पहचान कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी ठेकेदार या अधिकारी जनता के पैसों से इस तरह का खिलवाड़ न कर सके। यह मामला केवल एक फ्लाईओवर की खराब हालत का नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन में व्याप्त लापरवाही और भ्रष्ट तंत्र का प्रतीक है। यदि इस मामले में शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह जनता का प्रशासन के प्रति भरोसा खत्म कर देगा। सरकार से अपेक्षा है कि वह इस प्रकरण को एक उदाहरण बनाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे, ताकि जनधन की लूट और जनजीवन से खिलवाड़ करने वालों को स्पष्ट संदेश मिल सके कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि फ्लाईओवर की वर्तमान स्थिति पर न तो पक्ष और न ही विपक्ष, किसी ने भी अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।



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