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अमरनाथ यात्रा: आतंक पर भारी आस्था, तीन दिन में 17,500 से ज़्यादा श्रद्धालु रवाना; सुरक्षा के कड़े इंतजाम Aajtak24 News |
जम्मू/श्रीनगर - अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बावजूद, भक्तों का जोश कम नहीं हुआ है, बल्कि पहले तीन दिनों में ही 17,549 से ज़्यादा श्रद्धालु जम्मू के आधार शिविर भगवती नगर से बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए बालटाल और पहलगाम मार्गों से रवाना हो चुके हैं। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि आतंकवादी अपनी नापाक साजिशों में कामयाब नहीं हो पाए हैं।
उत्साह और सुरक्षा के बीच यात्रा का आगाज़
गुरुवार से शुरू हुई 38 दिवसीय अमरनाथ यात्रा के पहले ही दिन, शाम 7:15 बजे तक 12,348 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए। इनमें बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं, बच्चे, साधु, साध्वियां और यहां तक कि ट्रांसजेंडर श्रद्धालु भी शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार, पहलगाम और बालटाल के रास्ते अब तक लगभग 14,000 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, शुक्रवार सुबह 4 बजे 6400 यात्रियों का तीसरा जत्था जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ। इससे पहले, गुरुवार को भी 5,200 से अधिक तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था रवाना हुआ था। इन जत्थों में 4723 पुरुष, 1071 महिलाएं, 37 बच्चे और 580 साधु-साध्वियां शामिल थीं, जो 291 वाहनों के काफिले में सीआरपीएफ की सुरक्षा में आगे बढ़ रहे हैं।
दो मार्ग, अलग अनुभव: पहलगाम और बालटाल
श्रद्धालु दो प्रमुख मार्गों से यात्रा कर रहे हैं:
पहलगाम मार्ग: 48 किलोमीटर लंबा यह पारंपरिक और अधिक प्राकृतिक सौंदर्य वाला मार्ग है।
3622 श्रद्धालुओं ने 138 वाहनों में इस मार्ग से यात्रा शुरू की है। इस मार्ग पर यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं ने आतंकी हमले में शहीद हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि भी दी और आतंकवादियों की धमकियों के बावजूद यात्रा जारी रखने का संकल्प लिया। बालटाल मार्ग: यह 14 किलोमीटर छोटा लेकिन अपेक्षाकृत कठिन मार्ग है।
2789 तीर्थयात्री 153 वाहनों में सवार होकर इस मार्ग से आगे बढ़ रहे हैं।
हिम शिवलिंग का आकार और चिंता
यात्रा के पहले ही दिन तक हिम शिवलिंग का आकार 1.5 से 2 फीट ही रह गया था। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी शिवलिंग जल्दी पिघल जाएगा, जिससे बाद में आने वाले श्रद्धालुओं को पूर्ण दर्शन का अनुभव नहीं मिल पाएगा।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और पंजीकरण की सुविधा
अमरनाथ यात्रा मार्ग पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सेना और सीआरपीएफ के जवानों को पूरे रूट पर, खासकर संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।
इस साल अब तक 3.5 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं। मौके पर पंजीकरण के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में विशेष केंद्र खोले गए हैं, जो प्रतिदिन दो हजार श्रद्धालुओं का पंजीकरण कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID)
38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 9 अगस्त को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर समाप्त होगी। पिछले साल यह यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस साल भी उम्मीद है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाएंगे, जो आतंकवाद के खिलाफ आस्था की जीत का प्रतीक होगा। क्या आपको लगता है कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, यात्रा का लगातार जारी रहना श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का प्रमाण है?