गढ़ पुलिस की नशे के खिलाफ बड़ी कार्यवाही: 100 सीसी नशीली कफ सिरप बरामद, आरोपी हिरासत में me Aajtak24 News

गढ़ पुलिस की नशे के खिलाफ बड़ी कार्यवाही: 100 सीसी नशीली कफ सिरप बरामद, आरोपी हिरासत में me Aajtak24 News

रीवा - गढ़ थाना क्षेत्र में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत बीती रात पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक व्यक्ति के पास से 100 सीसी प्रतिबंधित नशीली कफ सिरप जब्त की है। इस कार्यवाही को गुप्त सूचना के आधार पर अंजाम दिया गया। आरोपी की पहचान एन. पी. नामक व्यक्ति के रूप में की गई है, जिसे घटनास्थल से हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

मुखबिर की सूचना से खुला नशे का जाल

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 30 जून 2025 की रात्रि गढ़ थाना पुलिस को एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक व्यक्ति अवैध रूप से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा है। सूचना की पुष्टि होने पर थाना प्रभारी के निर्देश पर टीम गठित कर त्वरित कार्यवाही की गई। छापेमारी के दौरान संदिग्ध व्यक्ति के पास से भारी मात्रा में 100 सीसी नशीली कफ सिरप जब्त की गई, जो कि NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित श्रेणी में आती है। बरामद कफ सिरप को जब्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह माल कहां से लाया गया और कहां इसकी आपूर्ति की जानी थी।

आधिकारिक पुष्टि में चुप्पी

हालांकि, इस कार्यवाही की कोई औपचारिक पुष्टि गढ़ थाना पुलिस या संबंधित उच्च अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से नहीं की गई है। समाचार पत्र को यह जानकारी स्थानीय सूत्रों एवं प्रत्यक्षदर्शियों से प्राप्त हुई है, जो घटनास्थल पर मौजूद थे। पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में भी केवल सामान्य जानकारी दी गई है, जिससे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।

बदलते प्रेस नोट और उठते सवाल

पूर्व में जब भी पुलिस द्वारा कोई बड़ी कार्यवाही की जाती थी, तो प्रेस नोट में कार्यवाही में शामिल अधिकारियों के नाम, रैंक तथा उपस्थित स्टाफ की सूची स्पष्ट रूप से प्रकाशित की जाती थी। लेकिन हाल ही में जारी किए जा रहे प्रेस नोट्स में यह प्रथा समाप्त कर दी गई है। अब केवल "समस्त स्टाफ" जैसे सामान्य शब्दों का प्रयोग कर प्रेस नोट जारी किए जा रहे हैं। यह बदलाव न केवल पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत करता है कि पुलिस महकमे के भीतर कहीं न कहीं दबाव या भय का वातावरण उत्पन्न हो रहा है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि पुलिस की यह झिझक नशा माफियाओं के बढ़ते प्रभाव की ओर इशारा करती है।

सामाजिक प्रतिक्रिया और जनता की चिंता

इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी चिंता उत्पन्न कर दी है। क्षेत्र में युवाओं के बीच नशे की लत बढ़ने की खबरें पहले से ही सामने आती रही हैं। ऐसे में इस तरह की बड़ी तस्करी का पकड़ा जाना यह दर्शाता है कि मादक पदार्थों का अवैध कारोबार गढ़ थाना क्षेत्र में भी सक्रिय है। स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने मांग की है कि पुलिस इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरते और तस्करों के नेटवर्क को उजागर कर कठोर कार्यवाही करे। साथ ही यह भी अपेक्षा की जा रही है कि पुलिस प्रेस नोट्स के माध्यम से जनता को वास्तविक तथ्यों से अवगत कराए, जिससे लोगों का विश्वास कायम रह सके।

गढ़ थाना पुलिस की यह कार्यवाही निस्संदेह नशे के खिलाफ एक साहसिक कदम है। लेकिन पुलिस की ओर से मिली जानकारी की अस्पष्टता और प्रेस नोट की बदलती शैली ने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यदि नशा मुक्त समाज की दिशा में ठोस पहल करनी है, तो प्रशासनिक कार्यवाही के साथ-साथ पारदर्शिता और जनता के प्रति उत्तरदायित्व भी उतना ही जरूरी है।

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