बांग्लादेशी अपराधियों ने किया बीएसएफ जवान का अपहरण, घंटों बाद मिली रिहाई; सीमा पर बढ़ा तनाव tanav Aajtak24 News


बांग्लादेशी अपराधियों ने किया बीएसएफ जवान का अपहरण, घंटों बाद मिली रिहाई; सीमा पर बढ़ा तनाव tanav Aajtak24 News 

कोलकाता/पश्चिम बंगाल - भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान का बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा कथित अपहरण किया गया था। हालांकि, कुछ घंटों बाद ही जवान को सकुशल रिहा कर दिया गया, जिससे एक बड़ा संकट टल गया। यह घटना मुर्शिदाबाद जिले के नूरपुर के सुतियार में सीमा सुरक्षा बल शिविर के पास स्थित चांदनी चौक के निकट तड़के हुई। जानकारी के अनुसार, बीएसएफ की 71वीं बटालियन में तैनात जवान श्रीगणेश घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान, कथित तौर पर बांग्लादेशी अपराधियों के एक समूह ने उन्हें काबू किया और जबरन घसीटकर अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार बांग्लादेशी क्षेत्र में ले गए। यह घटना भारतीय संप्रभुता का सीधा उल्लंघन थी।

शुरुआत में, बांग्लादेश की ओर से यह दावा किया गया कि जवान ने उनकी सीमा पार की थी। हालांकि, बीएसएफ की आंतरिक जांच में यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि श्रीगणेश भारतीय क्षेत्र में ही थे, जब उन्हें जबरन सीमा पार ले जाया गया। एक बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि जवान ने मानवीयता दिखाते हुए बांग्लादेशी व्यक्तियों को बातचीत के लिए पास आने दिया, लेकिन वे अपराधी निकले और उन्होंने जवान को अगवा कर लिया। यह घटना सीमा पर तैनात हमारे जवानों के सामने आने वाले खतरों को उजागर करती है, जहां उन्हें न केवल घुसपैठियों से निपटना होता है, बल्कि असामाजिक तत्वों के धोखे का भी सामना करना पड़ता है।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने जवान के अपहरण और बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा उन्हें बंधक बनाए जाने की पुष्टि की। बीएसएफ ने तत्काल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के समक्ष इस मुद्दे को उठाया। दोनों सीमा बलों के बीच त्वरित समन्वय के कारण, कुछ ही घंटों के भीतर जवान श्रीगणेश को रिहा कर दिया गया। वे अब सुरक्षित हैं, और उनकी चिकित्सकीय जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि वे ठीक हैं।

यह अपहरण एक संवेदनशील समय पर हुआ है, खासकर बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाएँ बढ़ी हैं और अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, पर कथित उत्पीड़न की खबरें भी सामने आई हैं। दशकों से भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति रही है, लेकिन इस तरह की घटनाएं सीमा सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौतियां पेश कर रही हैं। यह घटना सीमा पर अधिक सतर्कता और कड़ी निगरानी की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों को बनाए रखा जा सके। यह घटना भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि वे अपनी रणनीतियों को लगातार विकसित हो रहे सीमा खतरों के अनुकूल बनाएं और उच्च सतर्कता पर रहें।

Post a Comment

Previous Post Next Post