केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नेशनल एग्रो-आरई समिट 2025’ में किसानों को 'अन्नदाता' से 'ऊर्जादाता' बनाने पर दिया जोर jor Aajtak24 News


केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नेशनल एग्रो-आरई समिट 2025’ में किसानों को 'अन्नदाता' से 'ऊर्जादाता' बनाने पर दिया जोर jor Aajtak24 News 

नई दिल्ली - केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राष्ट्रीय राजधानी में नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनएसईएफआई) द्वारा आयोजित 'राष्ट्रीय कृषि-नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2025' में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्होंने कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा के तालमेल से विकसित होने वाले नए मॉडलों पर विस्तृत चर्चा की, साथ ही किसानों को न केवल अन्नदाता बल्कि ऊर्जादाता बनाने की अपनी दूरदर्शी परिकल्पना प्रस्तुत की। शिखर सम्मेलन के दौरान, श्री चौहान ने फेडरेशन द्वारा तैयार की गई कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा पर एक विस्तृत रिपोर्ट तथा वार्षिक संदर्भ पुस्तिका का भी विमोचन किया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के समावेश पर देश के नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों और अन्नदाताओं के बीच गहन संवाद और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करना था, ताकि एक स्थायी और समृद्ध कृषि भविष्य का निर्माण किया जा सके।

किसानों के लिए नई दिशा: उत्पादन से ऊर्जा तक

अपने संबोधन की शुरुआत में, श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें सौंपे गए कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालय के दायित्व के प्रति अपनी निष्ठा और प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि 29 मई से जारी 15 दिवसीय 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत वे ओडिशा, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पटना और महाराष्ट्र का दौरा कर चुके हैं, और आने वाले समय में भी पूरे देश का भ्रमण कर किसान भाई-बहनों से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। श्री चौहान ने किसानों को समृद्ध बनाने के लिए छह सूत्रीय कारगर उपायों पर प्रकाश डाला। इनमें उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन के सही दाम सुनिश्चित करना, नुकसान की स्थिति में भरपाई की व्यवस्था, कृषि में विविधीकरण और उर्वरकों के संतुलित उपयोग से आने वाली पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित रखना शामिल है। उन्होंने विशेष रूप से मिट्टी की उर्वरकता को बनाए रखने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जैविक खेती को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया।

कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि और भविष्य की चुनौतियां

केंद्रीय मंत्री ने 2014-15 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में कृषि उत्पादन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस अवधि में कुल कृषि उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें गेहूं, चावल, मक्का और मूंगफली जैसे प्रमुख फसलों का उत्पादन बढ़ा है। हालांकि, उन्होंने दलहन और तिलहन के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि न होने पर चिंता व्यक्त की और इस क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि के बिना भारत का काम नहीं चल सकता, क्योंकि आज भी देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से रोजगार प्राप्त करती है। बदलते समय के अनुसार, श्री चौहान ने इंटीग्रेटेड फार्मिंग यानी एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाने की वकालत की। उनका मानना है कि यह प्रणाली सीमांत किसानों को अपनी जमीन के हर एक हिस्से का सही उपयोग कर समृद्धि के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।

नवीकरणीय ऊर्जा: किसानों के लिए नए अवसर

श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर पैनलों को एक बड़ा माध्यम बताया। उन्होंने इस दिशा में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) के प्रयासों की सराहना की, जो किसानों के लिए ऊर्जा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। एक अभिनव विचार प्रस्तुत करते हुए, श्री चौहान ने खेतों में ऊंचाई पर सोलर पैनल लगाने और उसी के नीचे खेती करने के मॉडल पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ऐसा कदम हमारे छोटे और मध्यम स्तर के किसानों को अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बना देगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने इस मॉडल को और अधिक विकसित करने के साथ-साथ इस पर गंभीरता से विचार किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में यदि इसका कोई कारगर और आधुनिकतम मॉडल संज्ञान में लाया जाता है, तो निश्चित तौर पर सरकार इसे आगे बढ़ाने में हर संभव मदद करेगी।

पर्यावरण संरक्षण में सौर ऊर्जा की भूमिका

अपने संबोधन के अंत में, श्री चौहान ने 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस को सार्थक बनाने का आह्वान किया। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि पर्यावरण बचाने में सौर ऊर्जा मील का पत्थर साबित हो सकती है, क्योंकि यह स्वच्छ और सतत ऊर्जा का स्रोत है। यह 'राष्ट्रीय कृषि-नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2025' कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों के बीच एक मजबूत तालमेल स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के विचार और सुझाव किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और देश में हरित ऊर्जा क्रांति लाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। 


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