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तहसीलदार के शोकाज नोटिसों से टेंशन में कर्मचारी-पटवारी patwari Aajtak24 News |
इंदौर - तहसीलदार का कार्य वैसे तो जमीन-राजस्व संबंधी प्रकरण देखना और उनका निराकरण करना है। हालांकि इंदौर जिले में एक ऐसी तहसीलदार हैं, जिनका जमीन और राजस्व संबंधी प्रकरणों पर ध्यान कम और अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी और पटवारी को शोकाज नोटिस थमाने पर ज्यादा ध्यान रहता है। आलम यह है कि ऐसे तहसीलदार की वक्रदृष्टि से उनके ही अधीन कार्य करने वाले पटवारी और राजस्व निरीक्षक (आरआई) तक भी नहीं बच सके हैं। तहसीलदार की इस नोटिस देने की कार्यशैली से अब इंदौर जिले की इस तहसील के कर्मचारी, पटवारी और आरआई तक टेंशन में है। सूत्र बताते हैं कि तहसीलदार की इस कार्यशैली की चर्चा पूरे कलेक्टर ऑफिस में है। बताया जाता है कि उक्त तहसीलदार एक महिला हैं।
सूत्रों की मानें तो तहसीलदार अपने अधीनस्थ कर्मचारी और अन्य स्टाफ को मामूली सी बात पर भी शोकाज नोटिस जारी कर देती हैं। बताया जाता है कि जिस कमी पर सिर्फ समझाइश देकर कार्य को सुधारा जा सकता है उस पर भी तहसीलदार कारण बताओ सूचना पत्र (शोकाज नोटिस) जारी कर देती हैं। तहसीलदार की इस कार्यशैली की चर्चा कलेक्टर ऑफिस में सुनी जा सकती है। सूत्र बताते हैं तहसीलदार के शोकाज नोटिस से अब पटवारी और आरआई तक टेंशन में रह रहे हैं। कई बार तो यह भी कहते सुना जा सकता है कि इतने अधिक शो का नोटिस मिलने पर कहीं मानसिक रोगी नहीं बन जाए। यह भी चर्चा सुनी जा सकती है कि इस प्रकार शोकाज नोटिस जारी कर तहसीलदार क्या रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं।