प्रेम त्रिकोण का खूनी अंत
मृतक की पहचान मवई कला गांव निवासी संजय (40) के रूप में हुई है, जो डाला चलाता था। संजय की मां रामदुलारी ने पुलिस को बताया कि संजय की शादी बरौरा हुसैन बाड़ी, थाना ठाकुरगंज निवासी रानी से हुई थी। लेकिन शादी के कुछ समय बाद संजय के संबंध पड़ोसी महिला मीरा से हो गए, जिसके चलते उसने तीन साल पहले अपनी पहली पत्नी रानी को छोड़कर मीरा से शादी कर ली। यहीं से बदले की कहानी शुरू हुई। मीरा का पहला पति सुनील, जो मड़ियांव का निवासी है, संजय से रंजिश मानने लगा था। रामदुलारी के अनुसार, सुनील ने कई बार संजय को जान से मारने की धमकी भी दी थी, जो इस खूनी वारदात का एक बड़ा संकेत था।
आधी रात का खौफनाक मंजर
रविवार आधी रात करीब 12 बजे दो अज्ञात लोगों ने संजय का दरवाजा खटखटाया। जब अंदर से मां रामदुलारी ने पूछा, तो उन्होंने खुद को संजय का दोस्त बताया। विश्वास करके रामदुलारी ने दरवाजा खोल दिया। दरवाजा खुलते ही, आरोपी अंदर घुस आए और उन्होंने रामदुलारी का गला दबाकर उन्हें जमीन पर पटक दिया। उनकी चीख-पुकार सुनकर संजय दौड़कर बाहर आया। इसी पल, आरोपियों ने घर में रखा चारा काटने वाला गड़ासा उठा लिया और संजय पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। कई वार से लहूलुहान संजय चीखता हुआ घर से बाहर भागा, लेकिन हमलावरों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। उन्होंने संजय को घर के सामने से निकली नहर में धकेल दिया और गड़ासे से कई और वार कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
बच्चों और दादी के सामने हुई वारदात
इस दौरान घर में संजय की मां (दादी) के साथ उसके दो मासूम पोते, अजीत (9) और अनुराग (6), भी मौजूद थे। चीख-पुकार सुनकर बच्चे भी डरकर दौड़े। शोर सुनकर ग्रामीण एकत्र हुए और पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर आनंद कुमार द्विवेदी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। देर रात ही पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घटनास्थल से लेकर नहर तक खून बिखरा पड़ा था, और नहर में संजय का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला। संजय को पहली पत्नी से तीन बच्चे भी हैं, जिनके भविष्य पर अब सवालिया निशान लग गया है। इस वारदात ने लखनऊ में कानून-व्यवस्था और आपसी रिश्तों में पनपती हिंसा की भयावह तस्वीर पेश की है।