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मध्य प्रदेश में मूंग और उड़द खरीदी का महाअभियान शुरू, 19 जून से पंजीयन; लाखों किसानों की 'चिंता' हुई खत्म khatma Aajtak24 News |
भोपाल – मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। अपनी ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की फसल को लेकर लंबे समय से चली आ रही अनिश्चितता और चिंता अब समाप्त होने वाली है। राज्य सरकार ने इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके लिए पंजीयन प्रक्रिया 19 जून, 2025 से शुरू होने जा रही है। यह घोषणा किसानों के हित में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, जो उन्हें खुले बाजार में मिल रहे कम दामों से होने वाले नुकसान से बचाएगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहल, केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं इस पूरे मामले में सक्रियता दिखाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से गहन चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मूंग और उड़द की खरीदी के संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव भेजा है, जिस पर शीघ्र ही अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। सीएम यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से भी किसानों को यह महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए अपील की है कि वे निर्धारित तारीख से पंजीयन अवश्य करा लें ताकि उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके।
क्यों पड़ी खरीदी की ज़रूरत? किसानों पर दोहरी मार
दरअसल, इस साल मूंग और उड़द की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन किसानों के लिए यह 'खुशी' एक 'चिंता' में बदल गई थी। खुले बाजार में मूंग की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य 8768 रुपये प्रति क्विंटल से बहुत नीचे आ गई थीं। मंडियों में मूंग 5000 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही थी, जबकि किसानों का अनुमान है कि उन्हें प्रति एकड़ मूंग उगाने में ही 7 से 8 हजार रुपये प्रति क्विंटल का खर्च आ रहा है। यह स्थिति किसानों के लिए दोहरी मार थी – एक तरफ लागत बढ़ रही थी और दूसरी तरफ उपज का सही दाम नहीं मिल रहा था। पिछले साल मूंग की कीमतें 8000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक थीं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ था। इस वर्ष की स्थिति ठीक उलट होने के कारण अन्नदाताओं में गहरा असंतोष और निराशा व्याप्त थी। किसानों की इसी पीड़ा को समझते हुए राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।
क्या है पंजीयन प्रक्रिया और आगे की रणनीति?
किसानों को अपनी मूंग और उड़द की फसल MSP पर बेचने के लिए 19 जून से शुरू होने वाले पंजीयन में भाग लेना अनिवार्य होगा। यह पंजीयन प्रदेश भर के विभिन्न खरीद केंद्रों पर किया जाएगा। किसान अपने नजदीकी खरीदी केंद्र पर जाकर आवश्यक दस्तावेज जमा कराकर पंजीयन करा सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे जल्द ही केंद्रीय कृषि मंत्री से इस संबंध में अंतिम चर्चा करेंगे ताकि खरीदी प्रक्रिया को सुचारु रूप से और बिना किसी बाधा के संपन्न किया जा सके। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान अपनी उपज आसानी से बेच सकें और उन्हें तत्काल भुगतान प्राप्त हो सके।
किसानों में खुशी की लहर, आर्थिक संबल मिलेगा
इस घोषणा से प्रदेश भर के मूंग और उड़द उत्पादक किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार के इस कदम से उन्हें आर्थिक संबल मिलेगा और उनकी मेहनत का पूरा मूल्य प्राप्त होगा। यह निर्णय न केवल किसानों को तात्कालिक राहत देगा, बल्कि भविष्य में भी उन्हें ऐसी फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य सरकार का यह कदम किसानों के प्रति उसकी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।