नगर निगम की रिपोर्ट पर 6 बड़े मामले दर्ज, सक्रिय बिचौलिए भी निशाने पर
यह बड़ी कार्रवाई नगर निगम प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जानकारी के अनुसार, रीवा शहर के शहरी और आसपास के क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध रूप से कॉलोनियां विकसित की जा रही थीं। इन कॉलोनियों में बिना किसी वैधानिक अनुमति या नियमों का पालन किए, लोगों को सुनहरे सपने दिखाकर महंगे दामों पर प्लॉट बेचे जा रहे थे, जिससे भोले-भाले ग्राहक ठगे जा रहे थे। इस पूरे खेल में तमाम बिचौलिए भी सक्रिय थे, जो अवैध बिल्डरों के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे।
सिटी कोतवाली पुलिस ने इन अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ कुल 6 अलग-अलग अपराध दर्ज किए हैं, जिनमें ये 14 लोग नामजद आरोपी बनाए गए हैं। थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर ने स्पष्ट किया कि इन अवैध कॉलोनी विकासकर्ताओं और बिचौलियों के विरुद्ध नगर पालिका अधिनियम की धारा 292 (सी) के तहत कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि ये सभी कॉलोनियां टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम के नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करते हुए बसाई जा रही थीं।
नामजद आरोपियों की सूची: बड़े चेहरों पर भी गाज
पुलिस द्वारा नगर निगम के पत्र के आधार पर जिन प्रमुख लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- अनूप तिवारी (पिता अरुण कुमार, निवासी निपनिया)
- अनस और मो. आलमीन
- दीपक गुप्ता (पिता पवन गुप्ता)
- अजय कुमार गुप्ता (पिता बिहारी लाल, निवासी निपनिया)
- विंड ग्रुप के मालिक तौसीफ अहमद उर्फ रेशि (पिता मो. हनीफ, निवासी निपनिया)
- सियाशरण कुशवाहा (पिता बृजवासी)
- रामशरण कुशवाहा (पिता बृजवासी)
- लक्ष्मण कुशवाहा (पिता बृजवासी, निवासी निपनिया)
इस अवैध कॉलोनी नेटवर्क से जुड़ी दो महिलाएं भी इस मामले में आरोपी बनाई गई हैं। इनके अलावा, मेतीराम (पिता परधान), विवेक गुप्ता (पिता गुलाब चंद्र), गायत्री साहू (पति ओमकार), रेशमा साहू (पति प्रदीप), और विवेक सोनी (पिता जगदीश सोनी, निवासी फोर्ट रोड) को भी आरोपी बनाया गया है। यह कार्रवाई रीवा में अवैध कॉलोनाइजेशन के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि अब गरीबों के सपनों का फायदा उठाकर अवैध धंधा करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इस एक्शन से रीवा के रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आने और आम जनता को धोखाधड़ी से बचाने की उम्मीद है। पुलिस और प्रशासन की यह संयुक्त मुहिम निश्चित रूप से ऐसे अवैध धंधों पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।