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कानपुर में दहला देने वाली वारदात: 12वीं के छात्र ने तेज गाने की आवाज धीमी न करने पर मां को गला घोंटकर मारा, लाश बेड में छिपाई chipai Aajtak24 News |
कानपुर/उत्तर प्रदेश - उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के रावतपुर इलाके से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। यहां एक 17 वर्षीय नाबालिग छात्र पर अपनी ही मां की गला घोंटकर हत्या करने का आरोप लगा है. हत्या की वजह बेहद मामूली बताई जा रही है – तेज आवाज में गाना सुनने को लेकर हुआ विवाद. वारदात को अंजाम देने के बाद, आरोपी बेटे ने मां के शव को बड़ी बेरहमी से घर के बेड के अंदर छिपा दिया था। पुलिस ने आरोपी छात्र को हिरासत में ले लिया है और उससे आगे की पूछताछ की जा रही है।
कैसे हुआ खूनी विवाद?
मृतक महिला की पहचान उर्मिला देवी (35) के रूप में हुई है. वह रावतपुर में एक फ्लैट के ग्राउंड फ्लोर पर अपने दो बेटों के साथ रहती थीं – एक 17 वर्षीय (आरोपी) और दूसरा 15 वर्षीय। उनके पति की लगभग 17 साल पहले मौत हो चुकी थी, और उर्मिला देवी लंबे समय से मार्केटिंग का काम करने वाले एक व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थीं, जो अक्सर काम के सिलसिले में शहर से बाहर रहता था।
यह खूनी वारदात मंगलवार दोपहर को हुई. पुलिस पूछताछ में, आरोपी बेटे ने बताया कि वह दोपहर में किचन में बर्तन साफ कर रहा था और स्पीकर पर तेज आवाज में गाने सुन रहा था। उसकी मां उर्मिला देवी, जिनकी तबीयत ठीक नहीं थी, दूसरे कमरे में आराम कर रही थीं। मां ने पीछे से आकर उसे गाने की आवाज धीमी करने के लिए कहा, लेकिन गाने की तेज आवाज के कारण वह सुन नहीं पाया।
इस बात पर उर्मिला देवी को गुस्सा आ गया। उन्होंने गुस्से में आकर स्पीकर पटक दिया और उसे तोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को दो थप्पड़ भी मारे। मां के इस बर्ताव से गुस्साया 17 वर्षीय छात्र आपसे बाहर हो गया. उसने अपनी मां को धक्का देकर गिरा दिया। जब उसने देखा कि उसकी मां की नाक से खून निकल रहा है, तो उसे डर लगा कि अब मां उसे मारेगी। इसी डर और गुस्से में आकर, उसने वहीं पड़े अपनी मां के दुपट्टे से ही उनका गला कस दिया।
लाश छिपाने की कोशिश और छोटे भाई का खुलासा
मां की हत्या करने के बाद, आरोपी बेटे ने उनके शव को घर के अंदर एक दीवान (बेड) में बंद कर दिया और यह सोचकर शांत बैठ गया कि किसी को पता नहीं चलेगा। हालांकि, शाम करीब चार बजे जब उर्मिला देवी का 15 वर्षीय छोटा बेटा स्कूल से घर लौटा, तो उसने अपनी मां को नहीं देखा। उसने कई बार आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मां को ढूंढता हुआ वह कमरे में पहुंचा, तो उसकी नजर सामने रखे दीवान पर पड़ी। दीवान अधखुला था और उसमें से मां का दुपट्टा बाहर लटक रहा था. जब उसने दीवान खोला, तो अपनी मां को उसमें देखकर उसकी चीख निकल गई. उसकी चीख सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हुए और तुरंत महिला को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच और मनोवैज्ञानिक पहलू
सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. प्रारंभिक जांच में पुलिस का शक बड़े बेटे पर गया, क्योंकि वह सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे रहा था। हिरासत में लेने के बाद, गहन पूछताछ में आरोपी बेटे ने पूरी वारदात कबूल कर ली. पुलिस के एसीपी रंजीत कुमार ने बताया कि "प्राथमिक जांच में शक बड़े बेटे पर ही जा रहा था। वह हत्या से इनकार कर रहा था, लेकिन पूछताछ में उसने सच्चाई कबूल कर ली है." एसीपी ने यह भी बताया कि आरोपी छात्र की हरकतें और व्यवहार देखकर वह मनोवैज्ञानिक रूप से अस्थिर (साइको प्रवृत्ति का) लग रहा है।
पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटाए हैं और मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह घटना पारिवारिक कलह, गुस्से पर नियंत्रण खोने और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के गंभीर परिणामों को दर्शाती है। इस जघन्य वारदात ने पूरे कानपुर को झकझोर कर रख दिया है और समाज में बढ़ती हिंसा तथा बच्चों में बढ़ रहे गुस्से पर चिंता व्यक्त की जा रही है। क्या इस घटना के पीछे कोई और कारण भी था, या वाकई एक मामूली विवाद ने इतना भयानक रूप ले लिया, यह पुलिस की आगे की जांच में स्पष्ट हो पाएगा।