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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दूरदर्शी संकल्प - हर गांव में सिंचाई, गौपालन को प्रोत्साहन, शिक्षा का विस्तार और तीर्थ स्थलों का विकास vikash Aajtak24 News |
भोपाल - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को रीवा जिले के सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के दिव्यगवां में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह प्रदेश के विकास का स्वर्णिम दौर है, जिसमें विकास की रोशनी से कोई भी कोना वंचित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए धन की कमी न होने देने का दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए सिंचाई, गौपालन, शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया। मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण और सिंचाई सुविधाओं के विकास को अपनी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बताया। उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश के हर गांव में सिंचाई की स्थाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे किसानों को अब पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उन्होंने नदी जोड़ो अभियान की प्रगति पर प्रकाश डाला और बताया कि दो बड़ी नदी जोड़ो परियोजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है, जबकि तीसरी महत्वपूर्ण परियोजना के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिव्यगवां में नवनिर्मित शासकीय बिरसा मुंडा महाविद्यालय का लोकार्पण किया। लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आधुनिक कॉलेज का उल्लेख करते हुए उन्होंने गर्व से कहा कि इसे उन्होंने स्वयं उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए स्वीकृत किया था। उन्होंने बताया कि इस संस्थान में वर्तमान में 3000 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें 80 प्रतिशत बेटियां हैं। बेटियों के सर्वांगीण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए जितने भी विद्यालय और महाविद्यालयों की आवश्यकता होगी, सरकार उन्हें खोलेगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सरकार विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ कॉपी-किताबें, गणवेश, साइकिल, लैपटॉप और स्कूटी जैसी सुविधाएं भी प्रदान कर रही है, साथ ही उनकी बेहतर कोचिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
किसानों की आय में वृद्धि को सरकार का प्रमुख लक्ष्य बताते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को देश का एकमात्र ऐसा राज्य बताया जहां तीन बड़ी नदी परियोजनाएं - पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी), केन-बेतवा लिंक और तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना - पर एक साथ काम हो रहा है। उन्होंने वर्षा जल के संरक्षण के लिए चल रहे 'जल गंगा संवर्धन अभियान' का उल्लेख करते हुए रीवा जिले में लोकार्पित किए गए 7 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 501 नए खेत तालाबों को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन तालाबों से जिले का सिंचाई रकबा बढ़ेगा और फसलों की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौपालन को बढ़ावा देने और दुग्ध उत्पादन को वर्तमान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने 'डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना' की घोषणा की, जिसके तहत गौ पालकों को अनुदान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए अब सरकार गाय का दूध भी खरीदेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। कामधेनु योजना के तहत किसान 25 से लेकर 200 गायों तक का पालन कर सकते हैं और इसके लिए पात्र हितग्राहियों को 25 प्रतिशत तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा।
अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीराम के चरण पड़े हैं, उन सभी स्थानों को 'श्रीराम वन गमन पथ' के रूप में विकसित कर तीर्थ क्षेत्र बनाया जाएगा। इसी प्रकार, भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थलियों को 'श्रीकृष्ण पाथेय' के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने चित्रकूट के विकास के लिए भी सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बैकुंठपुर में नया कॉलेज भवन बनाने, चौखंडी में सांदीपनी विद्यालय बनाने, जनपद पंचायत जवां को नगर परिषद का दर्जा देने, सिंचाई योजना के तहत जवां क्षेत्र के कुछ गांवों को नहरों से जोड़ने और वहां स्टॉप डेम निर्माण के लिए राशि मंजूर करने जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने जवां जनपद क्षेत्र के प्रस्तावित तीन ग्राम समूहों को मिलाकर एक नई ग्राम पंचायत बनाने की भी स्वीकृति प्रदान की।
उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस अवसर पर कहा कि शासकीय बिरसा मुंडा महाविद्यालय के नए भवन सहित क्षेत्र को आज विकास की अनेक सौगातें मिली हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और रीवा जिले सहित पूरे विंध्य क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। रीवा सांसद श्री जनार्दन मिश्र ने स्थानीय बघेली बोली में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रीवा क्षेत्र में नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए आभार व्यक्त किया। विधायक सिरमौर श्री दिव्यराज सिंह ने क्षेत्रीय विकास से जुड़ी विभिन्न मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। कार्यक्रम में विधायक त्योंथर श्री सिद्धार्थ तिवारी, विधायक मनगवां इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।