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कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक बयान, मंत्री विजय शाह पर गाज! कैबिनेट से बर्खास्तगी तय, FIR दर्ज darj Aajtak24 News |
भोपाल - मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है। आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह अपने एक आपत्तिजनक बयान के कारण भाजपा नेतृत्व के निशाने पर आ गए हैं, और माना जा रहा है कि उन्हें मोहन यादव कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। सेना की वीर कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए उनके अशोभनीय बयान ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है।
बयान पर बवाल और कानूनी शिकंजा
यह पूरा मामला एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विजय शाह द्वारा दिए गए बयान से शुरू हुआ। उन्होंने महू में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान पर बरसते हुए, ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की। शाह ने कहा, "जिन्होंने (पाकिस्तानी आतंकियों) हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे। उन कटे-पिटे लोगों को हमने उनकी बहन भेजकर ही ऐसी-तैसी कराई। उन्होंने कपड़े उतारकर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी-तैसी करने उनके घर भेजा। मोदी जी उनके कपड़े तो नहीं उतार सकते थे, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी।"
इस बयान के बाद चौतरफा निंदा हुई। हाई कोर्ट के आदेश पर इंदौर के मानपुर पुलिस थाने में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर ली गई है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) हितिका वासल ने पुष्टि की कि शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का कृत्य), धारा 196 (1) (बी) (अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला ऐसा कृत्य जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती हो या भंग होने की आशंका हो) और धारा 197 (1) (सी) (किसी समुदाय के सदस्य को लेकर ऐसी बात कहना जिससे अलग-अलग समुदाय के आपसी सद्भाव पर विपरीत असर पड़ता हो या उनके बीच शत्रुता या घृणा या दुर्भावना की भावना पनपती हो या पनपने की आशंका हो) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं बेहद गंभीर हैं और इनमें सख्त सजा का प्रावधान है।
नेतृत्व की नाराजगी और उमा भारती की मांग
इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भी विजय शाह से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। देर रात मुख्यमंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें विजय शाह को लेकर गहन मंथन किया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के सोशल हैंडल से हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करने की बात कही गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकार इस मामले में सख्त रुख अपनाने वाली है।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भी विजय शाह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। उमा भारती ने कहा कि ऐसे बयान न सिर्फ सेना के सम्मान के खिलाफ हैं, बल्कि समाज में गलत संदेश भी देते हैं।
देशभर में गुस्सा और कांग्रेस का हमला
कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी ब्रीफिंग से पूरे देश में सराहना बटोरी थी। ऐसे में एक राज्य सरकार के मंत्री द्वारा उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने से देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है। सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारों ने इस बयान को अपमानजनक बताया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस मौके को भुनाते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि विजय शाह का बयान भाजपा की "विकृत मानसिकता" को दर्शाता है। मंत्री के बयान को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने देश भर में विरोध प्रदर्शन भी किए, जिससे यह मुद्दा और गरमा गया है।
विजय शाह की माफी, पर क्या काफी?
विवाद, हाई कोर्ट की फटकार और पार्टी में संभावित कार्रवाई के दबाव के बीच विजय शाह ने अपने बयान पर माफी मांगी है। उन्होंने देर रात एक वीडियो जारी करके कहा, "हाल में मेरे दिए गए बयान से हर समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उसके लिए मैं दिल से न केवल शर्मिंदा हूं, दुखी हूं, बल्कि माफी चाहता हूं।" शाह ने कर्नल सोफिया को "देश की बहन" करार दिया और कहा कि उन्होंने राष्ट्र धर्म निभाते हुए जाति और समाज से ऊपर उठकर काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि "वह हमारी सगी बहन से भी अधिक सम्मानित हैं।"
हालांकि, जिस तरह से यह मामला बढ़ा है और कानूनी कार्रवाई शुरू हुई है, शाह की यह माफी पर्याप्त होगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि भाजपा नेतृत्व डैमेज कंट्रोल मोड में है और विजय शाह को मोहन यादव कैबिनेट से हटाकर एक कड़ा संदेश देने की तैयारी कर रहा है। देखना होगा कि आने वाले समय में विजय शाह के राजनीतिक भविष्य को लेकर भाजपा क्या निर्णय लेती है।