पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश: 'द टेलीग्राफ' की फर्जी खबर और उधमपुर बेस का झूठा दावा dawa Aajtak24 News


पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश: 'द टेलीग्राफ' की फर्जी खबर और उधमपुर बेस का झूठा दावा dawa Aajtak24 News 

इस्लामाबाद - हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया था, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों की सेनाओं की ओर से कुछ गतिविधियां देखने को मिलीं। इस दौरान, पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिशें की गईं और फतह मिसाइल, ड्रोन और छोटी मिसाइलों जैसे हथियारों का इस्तेमाल करते हुए कई हमले करने का प्रयास किया गया। हालांकि, भारतीय वायुसेना ने अपनी तत्परता और प्रभावी रक्षा प्रणाली के चलते पाकिस्तान के इन सभी प्रयासों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। भारतीय वायुसेना ने न केवल पाकिस्तानी हमलों को हवा में ही रोक दिया, बल्कि जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के भीतर कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर जोरदार हवाई हमले भी किए। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से की गई थी, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना था। कई दिनों तक सीमा पर तनाव चरम पर रहा और इस दौरान भी भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर आतंकी शिविरों और अन्य सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान की ओर से लगातार उकसावे वाली कार्रवाइयां जारी रहीं, जिसमें ड्रोन और मिसाइलों से हमले करने की कोशिशें शामिल थीं, लेकिन हर बार भारतीय वायुसेना ने उन्हें विफल कर दिया। इस प्रकार, भारतीय वायुसेना ने न केवल अपनी जमीन की रक्षा की, बल्कि दुश्मन के हमलों को भी प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया।

हालांकि, इस तनावपूर्ण माहौल के बीच पाकिस्तान में एक अलग ही तरह का प्रोपेगेंडा चल रहा था। सोशल मीडिया पर ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित अखबार 'द टेलीग्राफ' की एक फर्जी कटिंग तेजी से वायरल हुई। इस फर्जी खबर का शीर्षक था - "आसमान का राजा है पाकिस्तान की वायुसेना"। इस नकली अखबार के पन्ने को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर किया गया और हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इसी फर्जी खबर का हवाला देते हुए संसद में अपनी वायुसेना की जमकर तारीफ की।

लेकिन झूठ ज्यादा दिन तक छिप नहीं सका। पाकिस्तान के ही एक प्रमुख अखबार 'डॉन' ने इस वायरल खबर का फैक्ट चेक किया, जिसमें यह पूरी तरह से फर्जी पाई गई। 'डॉन' की पड़ताल में सामने आया कि जिस अखबार की कटिंग को 10 मई के अंक का बताकर शेयर किया जा रहा था, वास्तव में उस दिन 'द टेलीग्राफ' ने भारत या पाकिस्तान से संबंधित कोई भी खबर अपने मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित ही नहीं की थी। इसके अलावा, एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अखबार के पहले पन्ने के तौर पर जिस तस्वीर को साझा किया गया था, उसमें कई स्पेलिंग की गलतियाँ भी थीं, जो यह स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि यह एक नकली और जल्दबाजी में बनाया गया दस्तावेज था।

सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार जैसे जिम्मेदार व्यक्ति ने भी बिना किसी पुष्टि के इस फर्जी खबर के आधार पर अपनी वायुसेना की प्रशंसा कर डाली। जब 'डॉन' का फैक्ट चेक सामने आया, तो उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली। इस घटना ने न केवल पाकिस्तानी सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि कैसे गलत सूचनाएं उच्च स्तर तक पहुंच सकती हैं।

यही नहीं, पाकिस्तान की ओर से एक और झूठा दावा किया गया था कि उनकी सेना ने भारत के उधमपुर बेस को तबाह कर दिया है। इस दावे के साथ एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। हालांकि, यह दावा भी पूरी तरह से निराधार साबित हुआ। वास्तव में, वह वीडियो भारत के ही हनुमानगढ़ में स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में लगी आग का था, जिसे गलत तरीके से उधमपुर एयरबेस पर हमले का बताकर फैलाया गया था। इस प्रकार, पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' के फैक्ट चेक ने न केवल 'द टेलीग्राफ' की फर्जी खबर का पर्दाफाश किया, बल्कि उधमपुर बेस पर हमले के झूठे दावे की भी पोल खोल दी, जिससे पाकिस्तान में झूठे प्रचार करने वालों की बोलती बंद हो गई है।

 

Post a Comment

Previous Post Next Post