बड़वानी में सरपंच, पति और सचिव की तिकड़ी ने उड़ाए 85 लाख, कागजों पर विकास, जमीन पर सन्नाटा sannata Aajtak24 News

 


बड़वानी में सरपंच, पति और सचिव की तिकड़ी ने उड़ाए 85 लाख, कागजों पर विकास, जमीन पर सन्नाटा sannata Aajtak24 News 

बड़वानीमध्य प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार बड़वानी में भ्रष्टाचार का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। पाटी विकासखंड की ग्राम पंचायत सेमलेट की महिला सरपंच, उनके डॉक्टर पति और पंचायत सचिव की तिकड़ी ने मिलकर सरकारी खजाने से 85 लाख 74 हजार 189 रुपए की भारी रकम का गबन कर लिया। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सारा पैसा कागजों पर ही खर्च दिखा दिया गया, जबकि वास्तविकता में मौके पर कोई विकास कार्य हुआ ही नहीं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जब जांच हुई तो इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनके बैंक खाते सील कर दिए गए हैं। बड़वानी, जिसे देश के आकांक्षी जिलों में शामिल किया गया है ताकि यहां विकास की गति तेज हो सके, दुर्भाग्य से भ्रष्टाचार के मामलों के लिए कुख्यात होता जा रहा है। पाटी विकासखंड, जो कि राज्य के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है, की ग्राम पंचायत सेमलेट में हुए इस 85 लाख से अधिक के गबन ने विकास की योजनाओं पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब सेमलेट गांव के जागरूक नागरिकों ने जनसुनवाई में फर्जी बिलों के आधार पर निर्माण कार्यों की राशि का दुरुपयोग किए जाने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच सादिया बाई, उनके पति और पंचायत सचिव तुलसीराम सस्ते ने मिलकर बड़ी मात्रा में सरकारी धन का हेरफेर किया है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए बड़वानी जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) काजल जावला ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, परियोजना अधिकारी और लेखा अधिकारी जिला पंचायत की एक टीम गठित कर मौके पर निरीक्षण करने और विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

जांच दल ने जब सेमलेट गांव पहुंचकर সরে तौर पर स्थिति का जायजा लिया तो उनके होश उड़ गए। जांच में पाया गया कि जिन विकास कार्यों के नाम पर पूरी की पूरी राशि निकाल ली गई थी, वे या तो मौके पर कहीं निर्मित ही नहीं थे, या फिर यदि कुछ काम हुआ भी था तो वह अत्यंत निम्न गुणवत्ता का था, जो कि सरकारी मानकों के विपरीत था। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से 85 लाख 74 हजार 189 रुपए की राशि का दुरुपयोग पाया। इस गंभीर वित्तीय अनियमितता के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने महिला सरपंच सादिया बाई, उनके पति (जिनका नाम अभी तक आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है, लेकिन पेशे से डॉक्टर बताए जा रहे हैं), पंचायत सचिव तुलसीराम सस्ते, एक वेंडर उमराव सिंह सोलंकी और 6 अन्य वेंडरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इन धाराओं में मुख्य रूप से धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरुपयोग और आपराधिक षडयंत्र से संबंधित धाराएं शामिल हैं।

इसके साथ ही, पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों को भी तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया है, ताकि गबन की गई सरकारी राशि को बरामद किया जा सके। जिला पंचायत सीईओ काजल जावला ने बताया कि शासकीय राशि के गबन के इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इतना ही नहीं, जिला पंचायत ने प्रशासनिक स्तर पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। महिला सरपंच सादिया बाई को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, ग्राम रोजगार सहायक सैदाम खरते, जिसकी भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, उसके खिलाफ मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के तहत वसूली का प्रकरण दर्ज किया गया है।

इस बड़े घोटाले के उजागर होने से सेमलेट गांव और आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने विकास के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई देखी, जबकि उनके गांव में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। अब उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा और गबन की गई राशि को वापस लाकर गांव के विकास कार्यों में लगाया जाएगा। पुलिस फिलहाल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है और मामले की विस्तृत जांच में जुटी है, ताकि इस पूरे गोरखधंधे में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके। यह घटना एक बार फिर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है और पारदर्शिता तथा जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर देती है।

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