बलिया में रिश्तों का खूनी अंत: पत्नी ने 19 साल छोटे प्रेमी संग मिलकर पति को काटा, शव के टुकड़े दूर-दूर फेंके feke Aajtak24 News

 

बलिया में रिश्तों का खूनी अंत: पत्नी ने 19 साल छोटे प्रेमी संग मिलकर पति को काटा, शव के टुकड़े दूर-दूर फेंके feke Aajtak24 News 

बलिया - उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया है। यहां एक पत्नी ने अपने प्रेम संबंध में बाधा बन रहे पति को अपने 19 साल छोटे प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों ने क्रूरता की हदें पार करते हुए शव को छह टुकड़ों में काटा और उन्हें अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया, ताकि अपराध को छुपाया जा सके। पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में पत्नी, उसके प्रेमी और दो अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। बहादुरपुर मोहल्ले के निवासी 62 वर्षीय देवेंद्र राम, जो सीमा सड़क संगठन (BRO) से सेवानिवृत्त थे, 28 साल पहले 44 वर्षीय माया देवी के साथ वैवाहिक बंधन में बंधे थे। उनके परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा है, जो अलग-अलग स्थानों पर पढ़ाई और नौकरी कर रहे हैं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, देवेंद्र का अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहना होता था और सेवानिवृत्ति के बाद भी वह ज्यादातर अपने पैतृक गांव में रहते थे, जबकि माया शहर के घर में अकेली रहती थी।

इसी अकेलेपन के दौरान माया की मुलाकात करीब चार साल पहले अनिल यादव से हुई, जो उम्र में उससे 19 साल छोटा था और पेशे से ट्रक ड्राइवर था। धीरे-धीरे उनके बीच अवैध संबंध पनपने लगे और अनिल अक्सर देवेंद्र की अनुपस्थिति में माया के घर पर आता-जाता था। इस अफेयर की जानकारी धीरे-धीरे मोहल्ले वालों और फिर देवेंद्र व उनके बच्चों तक भी पहुंच गई, जिसके कारण घर में अक्सर कलह होती थी। बताया जाता है कि देवेंद्र ने कई बार माया के साथ मारपीट भी की थी, जिससे वह काफी परेशान थी और उसने अपने प्रेमी अनिल के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। पुलिस के अनुसार, 9 मई की रात को इस खौफनाक हत्याकांड को अंजाम दिया गया। माया ने अनिल और उसके दो साथियों, मिथलेश और सतीश, को घर बुलाया। योजना के तहत, देवेंद्र को शहर वाले घर पर बुलाया गया और उन्हें कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया गया। जब देवेंद्र बेहोश हो गए, तो चारों आरोपियों ने मिलकर चाकू से उनके शरीर के छह टुकड़े कर दिए।

आरोपियों ने शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए भी योजना बनाई। उन्होंने रात के अंधेरे में घर से करीब 38 किलोमीटर दूर खरीद गांव के एक बगीचे में देवेंद्र के हाथ और पैर फेंक दिए। इसके बाद धड़ को वहां से 500 मीटर दूर एक कुएं में डाल दिया गया, जबकि सिर को घाघरा नदी में बहा दिया गया। अपने अपराध को छुपाने के लिए माया ने अगले दिन, 10 मई को, अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी। हालांकि, देवेंद्र के बच्चों को अपनी मां की सच्चाई का अंदाजा था। उनकी बेटी सुप्रिया को जब अपने पिता के गायब होने की सूचना मिली, तो उसने तुरंत अपनी बड़ी बहन को जानकारी दी और दोनों बलिया पहुंचकर 12 मई को पुलिस में अपनी मां और उसके प्रेमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस को पहले ही 11 मई को खरीद गांव के बगीचे में कटे हुए मानव अंग मिले थे। बेटी की शिकायत के बाद पुलिस का शक गहरा गया और उन्होंने जांच तेज कर दी। सख्ती से पूछताछ करने पर माया टूट गई और उसने पूरी वारदात कबूल कर ली। पुलिस ने आरोपी प्रेमी अनिल यादव को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया, जिसके पैर में गोली लगी है। वारदात में शामिल अन्य दो आरोपी, मिथलेश और सतीश, को बिहार भागते समय गिरफ्तार कर लिया गया। बलिया के पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि मृतक के पांच टुकड़े बरामद कर लिए गए हैं और सिर की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और रिश्तों की पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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