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कोविड की नई आहट: फार्मा शेयरों में उछाल, सरकार सतर्क, पर चिंता की बात नहीं nahi Aajtak24 News |
नई दिल्ली - वैश्विक स्तर पर कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। सिंगापुर और हांगकांग में कोविड मामलों में तेज़ी के बाद, भारत का केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी अत्यधिक सतर्कता बरत रहा है और स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है। हालांकि, सरकार का स्पष्ट कहना है कि फिलहाल देश में चिंता की कोई बात नहीं है। इस बीच, कोविड वैक्सीन और संबंधित दवाएं बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में ज़बरदस्त खरीदारी देखी जा रही है, जो निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है।
फाइजर और अन्य फार्मा स्टॉक्स में तेज़ी
आज मंगलवार को ग्लोबल वैक्सीन निर्माता फाइजर इंक की भारतीय यूनिट फाइजर लिमिटेड के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 13% तक चढ़कर 5,009 रुपये के पार पहुंच गए। यह उछाल इस बात का संकेत है कि निवेशक कोविड से जुड़ी किसी भी संभावित गतिविधि से फार्मा सेक्टर में लाभ की उम्मीद कर रहे हैं।
फाइजर के साथ-साथ, अन्य प्रमुख फार्मा कंपनियों जैसे अजंता फार्मा, एबॉट इंडिया लिमिटेड, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड, डिवीज़ लैबोरेटरीज लिमिटेड, सनफार्मा और सिप्ला के शेयर भी आज निवेशकों के फोकस में रहे और उनमें खरीदारी देखी गई। पिछली बार जब कोविड महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया था, तब शेयर बाजार में व्यापक गिरावट के बावजूद फार्मा कंपनियों के शेयरों में रिकॉर्ड तेज़ी देखी गई थी, जिसने निवेशकों को एक बार फिर इन शेयरों में निवेश के लिए प्रेरित किया है।
वैश्विक बाज़ार में भी कोविड-संबंधी तेज़ी
भारतीय बाज़ार की तरह ही, वैश्विक स्तर पर भी कोविड से संबंधित कंपनियों के शेयरों में तेज़ी का रुख है। बीते सोमवार को साउथ कोरियाई डायग्नोस्टिक किट निर्माता सुर्गेटेक इंक. के शेयर 29% तक उछल गए थे। जापान में, कोविड वैक्सीन निर्माता दाइची सैंक्यो के शेयरों में 7.4% की बढ़ोतरी हुई, जब यूबीएस ने उसके टारगेट प्राइस को भी बढ़ा दिया। हांगकांग में, शंघाई जुंशी बायोसाइंसेज कंपनी, जो कोविड टीके बनाती है, के शेयरों में भी 4.3% तक की तेज़ी देखी गई। यह दिखाता है कि वैश्विक निवेशक भी कोविड से संबंधित घटनाक्रमों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।
भारत में स्थिति नियंत्रण में, नए वेरिएंट पर निगरानी
भारत में कोविड की मौजूदा स्थिति पर बात करें तो, विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार देश के विभिन्न राज्यों में कुल 257 सक्रिय कोविड मामले दर्ज हैं। इनमें से ज़्यादातर मामले केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से सामने आए हैं। सरकार के अनुसार, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और लगातार निगरानी में रखी जा रही है।
इस बार संक्रमण के लिए ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट JN.1 और इसके सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB. 1.8 को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। हालांकि, अभी तक इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि ये वेरिएंट पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। स्वास्थ्य विश्लेषकों का कहना है कि एहतियात के तौर पर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
वैश्विक चेतावनी और टीकाकरण अभियान
घनी आबादी वाले हांगकांग और सिंगापुर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर सार्वजनिक रूप से चेतावनी जारी की है। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, चीन में भी कोविड की लहर पिछले साल की गर्मियों के चरम पर पहुंचने की राह पर है। कोरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम एजेंसी ने पिछले महीने अपने मौसमी कोविड टीकाकरण की अवधि को जून के अंत तक दो महीने के लिए बढ़ा दिया था। उन्होंने 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों, अस्पताल के रोगियों और सुविधाओं में रहने वालों को फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई से JN.1 शॉट लगवाने की सलाह दी थी। यह वैश्विक सतर्कता दर्शाता है कि भले ही भारत में स्थिति अभी नियंत्रण में हो, पर स्वास्थ्य एजेंसियां भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।