उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी 'ऑपरेशन सिंदूर' की गाथा gatha Aajtak24 News


उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी 'ऑपरेशन सिंदूर' की गाथा gatha Aajtak24 News 

देहरादून - पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट करने के लिए भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को अब स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तराखंड ने इस साहसिक सैन्य अभियान को मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पाठ्यक्रम में शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद इस महत्वपूर्ण घोषणा की। कासमी ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री से भेंट कर उन्हें 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए बधाई दी। मुफ्ती शमून कासमी ने इस अवसर पर कहा, "हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को यह संदेश पहुंचाया है कि भारत का मुस्लिम समुदाय पूरी तरह से उनके साथ है और 140 करोड़ देशवासी उनके पीछे एकजुट खड़े हैं। इसी भावना से प्रेरित होकर हमारे मन में यह विचार आया कि क्यों न हम एक नई पहल करें।" उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को पहले से ही आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है और अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं, के नेतृत्व में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत मदरसों के बच्चों को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफल गाथा से अवगत कराया जाएगा।

एएनआई से बात करते हुए मुफ्ती कासमी ने इस फैसले के पीछे के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जब मदरसों के बच्चे 'ऑपरेशन सिंदूर' की वीरतापूर्ण कहानी को सुनेंगे, तो उन्हें पाकिस्तान के वास्तविक चरित्र का पता चलेगा। उन्होंने 22 अप्रैल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि किस प्रकार पाकिस्तान ने निहत्थे भारतीयों पर अत्याचार किए और हमारी बहनों के सुहाग को उजाड़ा। उन्होंने पाकिस्तान को 'नापाकिस्तान' तक कह डाला और आरोप लगाया कि उसने खुदा के आदेशों का भी उल्लंघन किया है, क्योंकि किसी एक निर्दोष की हत्या पूरी मानवता की हत्या के समान है। मुफ्ती कासमी ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ द्वारा 'टू नेशन थ्योरी' को बढ़ावा देने की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमान 1947 में ही इस सिद्धांत को नकार चुके हैं।

मुफ्ती शमून कासमी ने यह भी जानकारी दी कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आधारित एक नया अध्याय शैक्षणिक सत्र 2025-26 से मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह अध्याय प्राइमरी स्तर से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि मदरसों में सुबह की प्रार्थना के समय भी 'ऑपरेशन सिंदूर' के महत्वपूर्ण पहलुओं और भारतीय सेना के शौर्य के बारे में बच्चों को बताया जाएगा, ताकि उनमें देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना जागृत हो सके। उत्तराखंड सरकार और मदरसा शिक्षा बोर्ड के इस फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो न केवल बच्चों को देश की सैन्य उपलब्धियों से परिचित कराएगा बल्कि उन्हें राष्ट्रीय एकता और अखंडता के महत्व को भी समझाएगा। यह पहल देश के मुस्लिम समुदाय की राष्ट्रभक्ति और सेना के प्रति सम्मान को भी दर्शाती है।

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