मुरादाबाद में रिश्तों का कत्ल: मकान के लालच में पति बना हैवान, पत्नी का सिर काटकर नदी में फेंका, धड़ घर में दफनाया dafnaya Aajtak24 News

 

मुरादाबाद में रिश्तों का कत्ल: मकान के लालच में पति बना हैवान, पत्नी का सिर काटकर नदी में फेंका, धड़ घर में दफनाया dafnaya Aajtak24 News 


मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के मझोला थाना क्षेत्र से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया है। यहां एक व्यक्ति ने महज एक मकान के लालच में अपनी ही पत्नी की नृशंस हत्या कर दी। आरोपी ने पत्नी का सिर धड़ से अलग कर नदी में फेंक दिया, जबकि धड़ को अपने ही घर में दफना दिया। इस जघन्य अपराध ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और घरेलू हिंसा व संपत्ति विवाद के चलते महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान रिहान उर्फ़ शाने आलम के रूप में हुई है। उसने 12 अप्रैल को अपनी पत्नी तबस्सुम की निर्मम हत्या को अंजाम दिया था। हत्या के बाद आरोपी ने सबूत मिटाने की हर संभव कोशिश की। उसने योजनाबद्ध तरीके से पत्नी के शव को ठिकाने लगाया। पहले उसने तेज धार वाले हथियार से तबस्सुम का सिर धड़ से अलग कर दिया और उसे घर से दूर ले जाकर नदी में फेंक दिया। इसके बाद, उसने पत्नी के धड़ को वापस घर लाया और उसे घर के अंदर ही मिट्टी में दबा दिया, ताकि किसी को भी उसकी मौत का पता न चल सके।

वारदात को अंजाम देने के बाद रिहान ने ऐसा व्यवहार किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। वह सामान्य रूप से अपने কাজকর্ম में लगा रहा, ताकि किसी को उस पर शक न हो। हालांकि, जब तबस्सुम कई दिनों तक दिखाई नहीं दी, तो उसके मायके वालों को चिंता हुई। उन्होंने 18 अप्रैल को मझोला थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मामले की छानबीन शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को शक की सुई मृतका तबस्सुम के पति रिहान पर घूमती दिखाई दी। पुलिस ने रिहान को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की, जिसके आगे वह ज्यादा देर तक टिक नहीं सका और आखिरकार उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए नदी से महिला का सिर बरामद किया, जबकि उसके घर की खुदाई कर धड़ को भी बाहर निकाल लिया गया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार (आलाकत्ल) को भी अपने कब्जे में ले लिया है, जो इस जघन्य अपराध का महत्वपूर्ण सबूत है।

पुलिस अधीक्षक नगर ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी रिहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर दिया जाएगा, ताकि आरोपी को कानून के अनुसार कड़ी सजा मिल सके। मृतका तबस्सुम और आरोपी पति रिहान के बीच पिछले एक साल से पारिवारिक विवाद चल रहा था। पीड़िता के मायके वालों ने पुलिस को बताया कि रिहान अक्सर संपत्ति को लेकर, विशेषकर उस मकान को लेकर जिसमें वे रहते थे, तबस्सुम से झगड़ा करता था। रिहान तबस्सुम पर उसके मायके पक्ष से संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग करने के लिए भी दबाव बना रहा था। जांच में यह भी सामने आया है कि 12 अप्रैल को, जिस दिन यह खौफनाक घटना हुई, रिहान ने तबस्सुम से कहा था कि उसने शादी ही इसी मकान के लालच में की है। इस बात पर तबस्सुम ने कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी, जिससे रिहान बौखला गया और उसने आपा खोकर अपनी पत्नी की जान ले ली।

इस मामले में आरोपी रिहान पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। यदि अदालत में उसका दोष सिद्ध हो जाता है, तो उसे धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, सबूत मिटाने के प्रयास के लिए धारा 201 के तहत भी उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है। यदि यह साबित होता है कि यह हत्या किसी साजिश के तहत की गई थी, तो धारा 120बी (षड्यंत्र) के तहत भी कार्रवाई संभव है। पीड़िता के मायके वालों द्वारा यदि पहले से उत्पीड़न के प्रमाण दिए जाते हैं, तो धारा 498ए (पत्नी के साथ क्रूरता) भी जोड़ी जा सकती है। यह घटना समाज में तेजी से घटते नैतिक मूल्यों और रिश्तों के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाती है। यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं है, बल्कि उस विकृत मानसिकता का जीता-जागता उदाहरण है, जहां एक महिला को महज संपत्ति के लालच में इतनी क्रूरता से मौत के घाट उतार दिया गया। गुमशुदगी की रिपोर्ट के छह दिन बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई और आरोपी को गिरफ्तार कर इस जघन्य अपराध की परतों को खोला। आरोपी का कबूलनामा और सबूतों की बरामदगी ने इस केस को और भी मजबूत बना दिया है। ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आज भी महिलाओं की सुरक्षा, खासकर घर की चारदीवारी के भीतर, एक बहुत बड़ा सवाल बनी हुई है और समाज को इस दिशा में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। संपत्ति के लिए रिश्तों को तोड़ देना और हत्या जैसे जघन्य अपराध तक पहुंच जाना, निश्चित रूप से समाज के नैतिक पतन का ही परिचायक है।

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