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वाराणसी में 'पागल' कुत्ते का कोहराम: मंडलीय अस्पताल के पास 18 लोगों को काटकर किया जख्मी jakhami Aajtak24 News |
चाय की दुकान से शुरू हुआ 'खूनी खेल': लोहटिया से बेनियाबाग तक फैला आतंक
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंक का यह सिलसिला गुरुवार शाम मंडलीय अस्पताल के गेट नंबर चार के पास शुरू हुआ। कुछ लोग चाय की दुकान पर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे, तभी लोहटिया की ओर से आया एक पागल कुत्ता अचानक उन पर टूट पड़ा। लोगों के कुछ समझ पाने से पहले ही उसने कई लोगों को काट लिया और फिर कबीरचौरा तिराहे की ओर भाग गया। यहां भी उसने कुछ और राहगीरों पर हमला किया। जब लोगों ने डंडे लेकर उसे दौड़ाया, तो कुत्ता पियरी मुहल्ले की तरफ भागा और वहां भी उसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया। बाद में, यह कुत्ता बेनियाबाग इलाके में भी पहुंचा, जहां उसने कुछ और लोगों को काटकर जख्मी किया। इस एक कुत्ते ने कुछ ही देर में तीन-चार मोहल्लों में दहशत फैला दी।
घायलों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी शामिल: दहशत में इलाका
कुत्ते के इस हिंसक हमले में विभिन्न आयु वर्ग के लोग घायल हुए हैं, जिनमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। घायलों में हनुमान फाटक मोहल्ले के रियाज अहमद (30), बिहार के कैमूर निवासी सुदामा (32), दुर्गाकुंड के समीर (26), खैरागांव निवासी सोनू गुप्ता (16), पियरी मुहल्ला के आत्मा प्रसाद (63), चांदमारी निवासी शनि सिंह (22), छेदी (65) और मोतीलाल (52) प्रमुख हैं। इसके अलावा, बेनियाबाग में प्रयागराज के व्यापारी मो. इरशाद (30), बीएलडब्ल्यू निवासी सेराज (26) और औरंगाबाद निवासी राज जायसवाल (24) भी इस कुत्ते के हमले का शिकार हुए। इन सभी को मंडलीय अस्पताल में इलाज मिला, जबकि कुछ घायलों ने निजी अस्पतालों में भी उपचार कराया। इस घटना से पूरे इलाके में आवारा कुत्तों को लेकर भय और चिंता का माहौल है।
अस्पताल प्रशासन का नगर निगम को पत्र: कुत्तों पर लगाम लगाने की मांग
मंडलीय अस्पताल की एसआईसी (सीनियर इंचार्ज) डॉक्टर मृदुला मलिक ने इस घटना पर तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर और उसके आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों व अन्य पशुओं की जानकारी तत्काल नगर निगम को दे दी गई है। डॉ. मलिक ने पुष्टि की कि कुत्ते के काटने के बाद इमरजेंसी वार्ड में लाए गए सभी 18 घायलों का तुरंत प्राथमिक उपचार किया गया और उन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में आवारा कुत्तों का घूमना मरीजों, उनके परिजनों और तीमारदारों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। ऐसे में डॉ. मलिक ने नगर निगम से इस पागल कुत्ते को जल्द से जल्द पकड़ने और शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। यह घटना एक बार फिर शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं के प्रबंधन की चुनौती को सामने लाती है।