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मसूद अज़हर का गढ़ राख: 'ऑपरेशन सिंदूर' में परिवार के 14 सदस्यों समेत जैश का मुख्यालय ध्वस्त dhawast Aajtak24 News |
नई दिल्ली -कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों पर एक निर्णायक और साहसिक कार्रवाई को अंजाम दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम के इस गुप्त अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्यालय को मिसाइलों से निशाना बनाकर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में जैश सरगना और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अज़हर के परिवार के 14 सदस्यों समेत कई आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर के बाहरी इलाके में स्थित जैश के महत्वपूर्ण ठिकाने, जमिया मस्जिद सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स पर एक साथ चार सटीक मिसाइलें दागीं। शक्तिशाली विस्फोटों से यह पूरा परिसर मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। यह वही स्थान है जिसे जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन मुख्यालय माना जाता था, और यहीं पर भारत के खिलाफ कई बड़े और रक्तरंजित आतंकवादी हमलों की साजिशें रची जाती थीं, जिनमें 2001 का संसद हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला प्रमुख हैं।
हमले के समय इस परिसर में मसूद अज़हर के परिवार के कई सदस्य और उसके करीबी सहयोगी आतंकवादी मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारे गए 14 लोगों में मसूद अज़हर की बड़ी बहन और उसका पति, उसका भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और उसके परिवार के पांच बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मसूद अज़हर के चार करीबी आतंकवादियों के भी इस हमले में मारे जाने की सूचना है।
हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का एक कथित बयान भी सामने आया है, जिसमें उसने इस हमले में अपने परिवार और करीबी साथियों के मारे जाने की पुष्टि की है। रोते हुए उसने कहा कि अगर वह भी इस हमले में मारा जाता तो अच्छा होता। पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया में भी बहावलपुर स्थित इस मदरसे पर भारतीय मिसाइलों से हमले और परिसर के पूरी तरह से तबाह होने की खबरें प्रमुखता से चल रही हैं। इस मदरसे को पिछले तीन दशकों से आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, जहां 600 से अधिक युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दी जाती थी और स्वयं मसूद अज़हर जैसे आतंकी सरगना यहां आकर उन्मादी भाषण देते थे।
मसूद अज़हर: आतंक का चेहरा और उसका कुनबा
मसूद अज़हर का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था। वह 11 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर था। उसके पिता एक स्कूल हेडमास्टर और मौलवी थे। मसूद ने कराची के एक मदरसे में कट्टरपंथी विचारधारा अपनाई और बाद में हरकत-उल-मुजाहिदीन से जुड़कर जैश-ए-मोहम्मद नामक खूंखार आतंकी संगठन की स्थापना की। वह भारत में हुए कई बड़े आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिसके कारण उसे 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहा है और आखिरी बार जून 2024 में सार्वजनिक रूप से देखा गया था।
मसूद अज़हर का पूरा परिवार किसी न किसी रूप में आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। उसकी पत्नी शाजिया है और उसके दो बेटे हैं - वलिउल्लाह, जो जिहादी ट्रेनिंग ले रहा है, और अब्दुल्ला, जो अफगानिस्तान और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में सक्रिय है। उसके भाई भी जैश के आतंकी ढांचे में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, जिनमें मोहम्मद ताहिर अनवर (जैश का अस्कारी अफेयर्स कमांडर), मोहम्मद इब्राहिम अज़हर (अफगान ऑपरेशनों का जिम्मेदार), अब्दुल रऊफ अज़हर (जैश का ऑपरेशनल हेड) और तल्हा सैफ शामिल हैं। इसके अलावा, उसकी बहनों और बहनोइयों के भी बहावलपुर और आसपास के इलाकों में जैश के विभिन्न ठिकानों और गतिविधियों में शामिल होने की सूचनाएं हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर': पहलगाम के लहू का बदला, आतंकी नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार
यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले का सीधा जवाब है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। भारत ने इस ऑपरेशन को अंजाम देकर न केवल पहलगाम के पीड़ितों को न्याय दिलाया है, बल्कि पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकवादी संगठनों को भी एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय पिछले तीन दशकों से भारत के खिलाफ आतंकवाद की नर्सरी बना हुआ था। यहीं पर आतंकियों को भर्ती किया जाता था, उन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया जाता था और भारत में हमलों की साजिशें रची जाती थीं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत इस महत्वपूर्ण ठिकाने को ध्वस्त करके भारत ने जैश के आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ दी है।
हालांकि, भारतीय सेना या सरकार की ओर से इस ऑपरेशन और हताहतों की संख्या पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन जिस तरह से मीडिया रिपोर्ट्स और जैश सरगना के कथित बयान सामने आ रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि भारत ने एक बड़ी और सफल कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और 'शून्य सहिष्णुता' की नीति का एक और प्रमाण है। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटनाक्रम पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।