शादी समारोह में छिपी दरिंदगी
घटना 23 मई, 2025 को थाना लौर क्षेत्र के एक गांव में आयोजित एक विवाह समारोह के दौरान हुई। कार्यक्रम में हलवाई का काम करने आए कृष्णपाल उर्फ भोले गिरी (उम्र 29 वर्ष, निवासी ग्राम तड़ौरा) ने अवसर का अनुचित लाभ उठाते हुए 10 वर्षीय मासूम बालिका के साथ घृणित कृत्य किया। जब बच्ची की हालत बिगड़ने लगी और परिजनों ने उससे पूछताछ की, तो इस भयावह सच्चाई का खुलासा हुआ। बच्ची की शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए तत्काल पुलिस को सूचित किया गया।
पुलिस की फुर्ती और कानूनी कार्रवाई
सूचना मिलते ही थाना लौर पुलिस तुरंत हरकत में आई। प्राथमिक जांच के बाद आरोपी के विरुद्ध गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया गया। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 65(2), 118(1), 351(3), पॉक्सो अधिनियम की धारा 5m/6 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(v), 3(1)(w)(ii) शामिल हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित की और सक्रिय सर्च ऑपरेशन चलाया। उसी रात आरोपी कृष्णपाल उर्फ भोले गिरी को दबोच लिया गया। 24 मई, 2025 को आरोपी को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
पीड़िता का उपचार और पुलिस का संदेश
घटना के बाद पीड़िता को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए जिला चिकित्सालय बिछिया (रीवा) भेजा गया। बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल (SGMH), रीवा रेफर किया गया, जहाँ वह फिलहाल उपचाररत है और चिकित्सकीय निगरानी में है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी मऊगंज निरीक्षक राजेश पटेल, थाना प्रभारी लौर उप निरीक्षक गोविंद प्रसाद तिवारी, थाना मऊगंज उप निरीक्षक प्रज्ञा पटेल, सहायक उप निरीक्षक रमेश भारती, आरक्षक अरुणेन्द्र और अजय मौर्य विशेष रूप से सक्रिय रहे। पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी ने इस समन्वित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, "मऊगंज पुलिस जनसुरक्षा के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। मासूमों के विरुद्ध अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पीड़ित को हरसंभव न्याय और संरक्षण दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह घटना समाज के लिए एक बार फिर यह स्मरण कराती है कि सजगता, त्वरित सूचना और पुलिस प्रशासन का सहयोग मिलकर ही पीड़ित को न्याय दिला सकता है। मऊगंज पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई निश्चित ही एक उदाहरण प्रस्तुत करती है।