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जयसिंहनगर की बलौड़ी पंचायत में भ्रष्टाचार का खुला खेल, तालाब निर्माण में मनरेगा के पैसे से लूट! lut Aajtak24 News |
तालाब में भ्रष्टाचार की गहराई
खटकरिया तालाब का निर्माण सिर्फ नाम का रह गया है। काम की गुणवत्ता न के बराबर है, और इससे संबंधित लोगों की जवाबदेही पर सवाल उठना लाजिमी है। ग्रामीणों का कहना है कि काम न तो पारदर्शिता से हो रहा है और न ही जनभागीदारी से। यहां तक कि पंचायत के नियमित मजदूरों को दरकिनार कर ठेके पर मजदूर बुलाए गए, जो खुद मनरेगा की मूल भावना के खिलाफ है।
उपयंत्री हीरामणि मरावी की भूमिका संदिग्ध
सबसे गंभीर आरोप पंचायत के तकनीकी प्रभारी उपयंत्री हीरामणि मरावी पर है, जिन्होंने बिना स्थल निरीक्षण किए कार्य को ‘स्वीकृत’ बता दिया। यह वही उपयंत्री हैं जिनके खिलाफ पहले भी पंचायतों में गड़बड़ी से जुड़े आरोप लग चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर हमेशा चुप्पी ही रही है।
जनपद सीईओ की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
बलौड़ी पंचायत में हो रहे इस संगठित भ्रष्टाचार की जानकारी जनपद सीईओ को भी है। बावजूद इसके अब तक कोई जांच, स्पष्टीकरण या कार्रवाई सामने नहीं आई। इससे अंदेशा है कि कहीं इस गड़बड़ी में ऊपर तक की मिलीभगत तो नहीं?
त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश
यह पूरा मामला न सिर्फ ग्राम पंचायत बलौड़ी की साख को धूमिल करता है, बल्कि प्रदेश में लागू त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली पर भी गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। एक ओर शासन योजनाएं भेज रहा है, तो दूसरी ओर ये योजनाएं जिम्मेदारों की जेबें भरने में खर्च हो रही हैं।
अब सवाल ये है—
क्या शासन बलौड़ी पंचायत में हो रहे इस खुल्ले भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करेगा? क्या जनपद के अफसर अब भी सोते रहेंगे या इस गड़बड़झाले की गंभीरता को समझते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करेंगे? यदि यही हाल रहा, तो ग्राम विकास सिर्फ पोस्टरों और भाषणों में सिमटकर रह जाएगा, और जनता के हक की योजनाएं भ्रष्टाचार की बलि चढ़ती रहेंगी।