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अजमेर में दर्दनाक हादसा: होटल में आग लगने से चार की मौत, कई झुलसे jhulse Aajtak24 News |
अजमेर/राजस्थान - गुरुवार की सुबह अजमेर के डिग्गी बाजार इलाके में स्थित एक होटल में भीषण आग लगने से एक हृदयविदारक घटना सामने आई। इस दर्दनाक हादसे में चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने के बाद होटल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और अपनी जान बचाने के लिए लोग खिड़कियों से कूदते हुए दिखाई दिए। इस भयावह मंजर ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। जानकारी के अनुसार, डिग्गी बाजार स्थित नाज होटल में गुरुवार सुबह अचानक आग लग गई। आग लगने के कारण होटल के कमरों में तेजी से धुआं फैल गया, जिससे वहां ठहरे हुए लोगों में दहशत फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। दुर्भाग्यवश, जो लोग समय रहते बाहर नहीं निकल पाए, वे इस भीषण आग की चपेट में आकर जिंदा जल गए।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आग लगने के बाद का दृश्य अत्यंत वीभत्स था। जान बचाने की desperate कोशिश में लोग होटल की खिड़कियों से छलांग लगा रहे थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक मां ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने डेढ़ साल के मासूम बच्चे को खिड़की से नीचे फेंक दिया। नीचे खड़े लोगों ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को पकड़ लिया, जिससे उसकी जान बच गई। हालांकि, बच्चा मामूली रूप से झुलस गया है। यह घटना उस मां के साहस और अपने बच्चे के प्रति अटूट प्यार को दर्शाती है, लेकिन हर मां इतनी भाग्यशाली साबित नहीं हुई। इस दुर्भाग्यपूर्ण अग्निकांड में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों की पहचान में एक चार साल का मासूम बच्चा, एक 30 वर्षीय महिला, एक 20 वर्षीय युवक और नई दिल्ली के मोती नगर के रहने वाले 40 वर्षीय मोहम्मद जाहिद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, डेढ़ साल का इब्राहिम, कृष्णा, अल्का और धवन गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिनका इलाज अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनिल सामरिया ने बताया कि अस्पताल में कुल आठ लोगों को लाया गया था, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शुरुआती जांच में आग लगने का कारण होटल के एक कमरे में एयर कंडीशनर (एसी) का फटना बताया जा रहा है। एसी फटने के बाद आग तेजी से फैली और देखते ही देखते होटल की ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गई, जिससे लोगों को भागने का मौका नहीं मिल पाया। इस त्रासदी को और बढ़ाने में होटल की अवस्थिति भी एक बड़ा कारण साबित हुई। डिग्गी बाजार की तंग गलियों में स्थित होने के कारण दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड लगभग आधे घंटे की देरी से घटनास्थल पर पहुंची, तब तक काफी नुकसान हो चुका था और चार लोगों की जान जा चुकी थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भी দমকল कर्मियों और पुलिस कर्मियों को धुएं और गर्मी के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई कर्मचारी धुएं और अत्यधिक गर्मी के कारण बेहोश भी हो गए, जिससे बचाव कार्य में बाधा आई।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर इमारतों में आग सुरक्षा के पर्याप्त इंतजामों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और पीड़ितों के परिवारों ने इस घटना की गहन जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। अजमेर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने की बात कही है। इस हृदयविदारक घटना से पूरे अजमेर शहर में शोक की लहर दौड़ गई है। यह घटना न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि यह शहरी नियोजन और सुरक्षा मानकों के पालन की आवश्यकता पर भी एक गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। घनी आबादी वाले इलाकों में स्थित होटलों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आग से सुरक्षा के पर्याप्त उपाय सुनिश्चित करना अब और भी महत्वपूर्ण हो गया है ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को टाला जा सके।