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संभल में 'फ्री गाजा, फ्री फिलिस्तीन' पोस्टर से हड़कंप, सात युवक गिरफ्तार, सोशल सौहार्द बिगाड़ने की साजिश की जांच jach Aajtak24 News |
लखनऊ - उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बार फिर साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश सामने आई है। जिले के नरौली कस्बे में 'फ्री गाजा, फ्री फिलिस्तीन' के पोस्टर दुकानों की दीवारों पर चिपकाए जाने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इन पोस्टरों में न केवल गाजा पट्टी को लेकर भावनात्मक अपील की गई थी, बल्कि इजरायली उत्पादों के बहिष्कार की भी बात कही गई थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए रविवार को सात युवकों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों को शांतिभंग की आशंका में एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पोस्टर से भड़का मामला
तीन दिन पहले रात के अंधेरे में नरौली कस्बे की दुकानों की दीवारों पर कुछ अज्ञात युवकों द्वारा ये पोस्टर चिपकाए गए थे। इन पोस्टरों में गाजा पट्टी में हो रहे हमलों को मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार बताते हुए इजरायली सामानों का बहिष्कार करने की अपील की गई थी। पोस्टर में लिखा था कि यदि कोई मुसलमान इजरायली सामान का उपयोग करता है, तो वह वैसा ही पाप कर रहा है जैसे सूअर का मांस खाना या शराब पीना।
CCTV फुटेज और स्थानीय जानकारी से खुला राज
पोस्टर सामने आने के बाद बनियाठेर थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। इसके अलावा दुकानदारों से पूछताछ भी की गई। इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस ने गांव जनेटा निवासी आसिम, सेफ अली, मतलूब, फरदीन, अरमान, अरबाज़ और नरौली निवासी रहीस को गिरफ्तार किया।
हिंदू संगठनों की नाराज़गी और प्रशासन की सख्ती
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। हिंदू संगठनों ने इस हरकत को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की सोची-समझी साजिश करार दिया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाकर युवाओं को उकसाने का प्रयास किया गया है, जिससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्टर
विवादित पोस्टर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें इजरायली उत्पादों का बायकॉट न करने वालों को "हराम" का दोषी बताया गया है। प्रशासन इस वायरल पोस्ट को गंभीरता से लेते हुए अब साइबर सेल की मदद से यह पता लगाने में जुटा है कि पोस्टर की डिजाइनिंग और प्रिंटिंग कहां से की गई थी।
प्रशासन की अपील
स्थानीय प्रशासन ने जनता से शांति बनाए रखने और किसी भी भड़काऊ सामग्री को साझा न करने की अपील की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था का विषय है, बल्कि साम्प्रदायिक एकता की परीक्षा भी है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है या यह केवल कुछ युवकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया का नतीजा।