![]() |
मध्य प्रदेश के खंडवा में पागल कुत्ते का आतंक: 10 से ज्यादा बच्चों को काटा, मचाई अफरा-तफरी tafari Aajtak24 News |
खंडवा - मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के खानशाहवली इलाके में रविवार की शाम एक पागल कुत्ते ने 10 से ज्यादा बच्चों पर हमला कर दिया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद बच्चों के परिजनों में घबराहट फैल गई, और वे तत्काल उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां सभी घायल बच्चों का उपचार शुरू किया गया। डॉक्टरों ने सभी बच्चों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाकर उनकी हालत को स्थिर बताया और उन्हें निगरानी में रखा।जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार शाम 7 से 8 बजे के बीच हुई, जब बच्चे खेल रहे थे। अचानक एक पागल कुत्ता बच्चों पर हमला कर बैठा, जिससे बच्चे डरकर इधर-उधर भागने लगे। कुत्ते ने 10 से ज्यादा बच्चों को काट लिया और एक महिला को भी घायल कर दिया। घटना के बाद लोग घबराए हुए बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनका तुरंत इलाज शुरू किया।
अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि कुत्तों के हमले में घायल बच्चों की संख्या 9 थी, और सभी बच्चों को उचित इलाज दिया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। लेकिन परिजनों ने इस घटना के बाद आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक पर चिंता जताई और नगर निगम पर गुस्सा व्यक्त किया। उनका कहना था कि पूरे शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन नगर निगम इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक शहर के लगभग सभी कॉलोनियों में बढ़ चुका है, जिससे लोग परेशान हैं। नगर निगम पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह इन कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं कर रहा है, जिससे इन घटनाओं में वृद्धि हो रही है। लोगों ने अधिकारियों से अपील की है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
मध्य प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, खासकर गर्मी के मौसम में कुत्तों के हमले के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में ग्वालियर में भी एक दिन में 366 डॉग बाइट के मामले सामने आए थे, जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि यह समस्या व्यापक रूप लेती जा रही है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और नगर निगम को इस पर शीघ्र प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इन खतरनाक घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सामाजिक रूप से यह भी महत्वपूर्ण है कि आवारा कुत्तों के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि न केवल बच्चों की सुरक्षा हो, बल्कि उन कुत्तों के लिए भी मानवतापूर्वक उपायों पर ध्यान दिया जा सके।