मंत्री प्रहलाद पटेल का बड़ा ऐलान: पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की स्थानांतरण नीति जल्द होगी घोषित ghosit Aajtak24 News


मंत्री प्रहलाद पटेल का बड़ा ऐलान: पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की स्थानांतरण नीति जल्द होगी घोषित ghosit Aajtak24 News 


भोपाल - रीवा जिले में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में उस वक्त बड़ी घोषणा सामने आई, जब पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्राम पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के लिए स्थानांतरण नीति बहुत जल्द घोषित की जाएगी। वर्षों से लंबित इस मांग पर आखिरकार सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है, जिससे राज्यभर के हजारों पंचायत कर्मियों में उत्साह की लहर है। मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि ट्रांसफर नीति को लेकर विभागीय स्तर पर प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे सार्वजनिक कर स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और जल संरक्षण जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन पंचायतों में पेयजल संकट की आशंका है, वहाँ वैकल्पिक व्यवस्था तत्काल लागू की जाए। साथ ही, आवास प्लस योजना के तहत गरीबों को पक्के मकान देने की दिशा में तेजी लाई जाए। इस बैठक के माध्यम से एक ओर जहां विकास योजनाओं की समीक्षा हुई, वहीं दूसरी ओर पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के लिए आने वाली बड़ी राहत का मार्ग भी प्रशस्त हुआ।

🔹 वर्षों से लंबित थी मांग

मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायक लंबे समय से एक स्थान पर कार्यरत हैं। इस दौरान कई कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं। इसके साथ ही कई बार स्थानीय स्तर पर दबाव, पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आते रहे हैं। इन कर्मचारियों ने वर्षों से स्थानांतरण नीति लागू करने की मांग की थी, लेकिन किसी भी सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया। अब मंत्री प्रहलाद पटेल द्वारा दिए गए आश्वासन से उम्मीद जगी है कि जल्द ही नीति सार्वजनिक होगी और ट्रांसफर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से शुरू की जाएगी।

🔹 क्यों जरूरी है ट्रांसफर नीति?

  1. नैतिक व मानसिक स्वास्थ्य: वर्षों तक एक ही स्थान पर कार्य करने से कर्मचारी के मनोबल पर असर पड़ता है। ट्रांसफर से नई जगह पर नई ऊर्जा मिलती है।

  2. भ्रष्टाचार पर अंकुश: जब कोई कर्मचारी लंबे समय तक एक ही ग्राम पंचायत में रहता है, तो कई बार स्थानीय नेताओं से गठजोड़ हो जाता है। इससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।

  3. निष्पक्ष प्रशासन: ट्रांसफर नीति से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कोई भी कर्मचारी सत्ता या प्रभाव के आधार पर एक ही जगह वर्षों तक जमे न रहे।

  4. समान अवसर: ट्रांसफर नीति से सभी कर्मचारियों को समान अवसर मिलते हैं – चाहे वे सुदूर अंचलों में हों या नगरीय सीमा से लगे क्षेत्रों में।

🔹 मंत्री ने रीवा बैठक में दिए संकेत

प्रहलाद सिंह पटेल रीवा जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। जिले में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्थानांतरण नीति पर कार्य अंतिम चरण में है और शीघ्र ही इसकी घोषणा की जाएगी। यह बैठक केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इससे प्रदेश के लाखों पंचायत कर्मचारियों को राहत की उम्मीद जगी है।

🔹 अन्य फैसलों से ग्रामीण विकास को गति

बैठक में केवल ट्रांसफर नीति की बात नहीं हुई, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना, जल संकट समाधान, महिला प्रशिक्षण केंद्र, और जल जीवन मिशन जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मंत्री पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत 27 लाख गरीब परिवारों को आवास की मंजूरी दी गई है और 6.5 लाख नए आवासों की भी स्वीकृति शीघ्र मिलने वाली है। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए कि गरीबों को जल्द से जल्द ज़मीन उपलब्ध कराई जाए ताकि उन्हें पक्के मकान मिल सकें।

🔹 ट्रांसफर नीति में क्या हो सकता है?

हालांकि स्थानांतरण नीति की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें कुछ महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हो सकते हैं:

  • कार्यकाल की अधिकतम अवधि: एक पंचायत में अधिकतम 5 वर्षों से अधिक कार्य नहीं किया जा सकेगा।

  • वैकल्पिक स्थानांतरण: किसी कर्मचारी को उसकी पसंद के 3 विकल्प देने का अधिकार हो सकता है।

  • दंडात्मक ट्रांसफर से बचाव: ट्रांसफर प्रक्रिया पूर्णतः नियमबद्ध और निष्पक्ष होगी।

  • वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता: वरिष्ठ कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

🔹 कर्मचारी संगठनों में उत्साह

मंत्री की इस घोषणा के बाद पंचायत सचिव संघ, रोजगार सहायक संगठन और ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि यह कदम कर्मचारियों की दशकों पुरानी मांग को पूर्ण करेगा और इससे ग्रामीण प्रशासन और सेवा वितरण में सुधार आएगा। 

पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की स्थानांतरण नीति की घोषणा एक ऐतिहासिक निर्णय हो सकता है। इससे न केवल कर्मचारियों की कार्यशैली में बदलाव आएगा, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्रामीण विकास को भी नया आयाम मिलेगा। प्रहलाद सिंह पटेल की यह घोषणा आने वाले समय में पंचायत व्यवस्था को नई दिशा दे सकती है।

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