जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ा प्रहार: बांदीपोरा में लश्कर कमांडर अल्ताफ लाली ढेर dher Aajtak24 News


जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ा प्रहार: बांदीपोरा में लश्कर कमांडर अल्ताफ लाली ढेर dher Aajtak24 News

जम्मू-कश्मीर - जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाया जा रहा आतंक-निरोधी अभियान अब निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद से घाटी में आतंक के खिलाफ एक के बाद एक सख्त कार्रवाई देखने को मिल रही है। इसी क्रम में बुधवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी, जब बांदीपोरा जिले में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर अल्ताफ लाली मारा गया। इसके अलावा पुलवामा के त्राल क्षेत्र में एक संदिग्ध आतंकी के घर में हुए जबरदस्त विस्फोट ने आतंकियों के ठिकानों को लेकर चल रही आशंकाओं को और पुख्ता कर दिया है।

बांदीपोरा मुठभेड़: लश्कर के कमांडर का खात्मा

सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था कि बांदीपोरा जिले के एक इलाके में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष आतंकी कमांडर अल्ताफ लाली छिपा हुआ है, जो हाल ही में पहलगाम में हुए हमले में शामिल था। इस जानकारी के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान अल्ताफ लाली को मार गिराया गया। अल्ताफ लाली लंबे समय से लश्कर का सक्रिय सदस्य था और सुरक्षा बलों की वांछित सूची में शामिल था। उस पर कई नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की हत्या के आरोप थे। उसकी मौत को घाटी में आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

त्राल में आतंकी के घर में भीषण विस्फोट

इसी अभियान के तहत पुलवामा जिले के त्राल के मोंघमा गांव में सुरक्षा बलों को एक घर में विस्फोटक सामग्री की जानकारी मिली थी। यह मकान आतंकी आसिफ शेख का था, जिसका नाम भी पहलगाम हमले से जुड़ा हुआ है। जब सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरा और तलाशी लेनी शुरू की, तभी संदिग्ध वस्तु की मौजूदगी महसूस हुई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बलों ने पीछे हटने का निर्णय लिया, और कुछ ही देर बाद मकान में जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे पूरा घर मलबे में तब्दील हो गया।

पहलगाम हमले के बाद तेज हुई कार्रवाई

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी और दर्जनों घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाक समर्थित आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली थी। इसके बाद से ही केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत संदिग्धों की धरपकड़, मुठभेड़ और सर्च ऑपरेशन्स की संख्या में तेजी आई है।

सेना और सरकार का सख्त संदेश

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों के खिलाफ यह कार्रवाई किसी एक घटना का जवाब नहीं, बल्कि व्यापक और ठोस नीति का हिस्सा है। जो भी आतंकवाद को बढ़ावा देगा या उसे शरण देगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं सरकार ने भी साफ किया है कि अब 'आतंक के साथ कोई समझौता नहीं' की नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील

सुरक्षा बलों ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। कई स्थानों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और सुरक्षा एजेंसियों को हर सूचना पर तुरंत एक्शन लेने का निर्देश दिया गया है। 

इस कार्रवाई से साफ है कि केंद्र सरकार ने अब पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठनों को लेकर नरमी की नीति छोड़ दी है। एक ओर सिंधु जल संधि को निलंबित कर पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव डाला गया है, वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर जमीनी स्तर पर भी आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने की कोशिश की जा रही है। आने वाले दिनों में ऐसे ऑपरेशनों में और तेजी आने की संभावना है।

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