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क्या वायरल ऑडियो विकास तिवारी की छवि बिगाड़ने की साजिश है या विपक्ष की चाल chal Aajtak24 News |
रीवा/गंगेव – जनपद पंचायत गंगेव के अध्यक्ष विकास तिवारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और उससे जुड़े वायरल हो रहे ऑडियो क्लिप ने जिले की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। गंगेव पंचायत, जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और विधानसभा मनगवां के अंतर्गत आती है, लंबे समय से नेताओं की रुचि और हस्तक्षेप का केंद्र बनी हुई है। यह वही क्षेत्र है जहां से इन्जीनियर नरेंद्र प्रजापति ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी और अब भाजपा के भीतर उनकी गिनती प्रभावशाली नेताओं में होती है। वायरल ऑडियो में कांग्रेस नेता अरुण पांडेय ‘छिउला’ और जनपद सदस्य दिलीप द्विवेदी के बीच कथित तौर पर विकास तिवारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पैसों के लेनदेन और "बड़े नेताओं" की संलिप्तता की बातचीत सुनाई दे रही है।
इस ऑडियो को लेकर राजनीतिक गलियारों में दो मत हैं —
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यह एक रणनीतिक साजिश है जो विकास तिवारी की वर्तमान छवि और भाजपा में उनके बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए बनाई गई है।
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वहीं कुछ का मानना है कि यह ऑडियो राजनीतिक सच्चाई का पर्दाफाश है, जो सत्ता की अंदरूनी चालों को उजागर करता है।
गौरतलब है कि विकास तिवारी पूर्व में कांग्रेस से जुड़े थे और अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वर्तमान में उन्हें 16 जनपद सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जबकि अविश्वास प्रस्ताव के लिए 18 सदस्यों की आवश्यकता है — यानी यह प्रस्ताव अभी संभव नहीं दिखता। राजनीति के इस गिरते स्तर और पैसों की खुली चर्चा ने आम जनता में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर जन प्रतिनिधित्व का अर्थ आज क्या रह गया है? क्या यह पूरा प्रकरण किसी राजनीतिक “शकुनी चाल” का हिस्सा है या यह सत्ता संघर्ष की परतें खोलता हुआ एक सच? अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस स्थिति से कैसे निपटती है और संगठन अनुशासन के नाम पर क्या कार्रवाई करता है।